शिमला: आजादी के बाद शिक्षा और साक्षरता के क्षेत्र में भारत ने एक अलग ही पहचान बनाई है और केरल के बाद हिमाचल साक्षरता दर की दृष्टि से दूसरे स्थान पर है और एक दिन आएगा जब हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में प्रथम स्थान पर होगा। यह बात आज शिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने पीटरहाॅफ मंे हिमाचल प्रदेश काॅलेज संघ द्वारा आयोजित उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ‘मुद्दे एवं चुनौती’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में 800 से ज्यादा विश्वविद्यालय स्थित है और शिक्षा के क्षेत्र में भारत एक अग्रणी देश रहा है और भारत में शैक्षणिक संस्कृति एवं सभ्यता का प्रमुख स्थान रहा है। उन्होंने बताया कि उच्च सरकारी संस्थानों में उच्च पदों पर कार्य करने वाले ज्यादातर लोग हिमाचल से ही संबंध रखते हैं।
उन्होंने संघ की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर उन्होंने संघ की स्मारिका का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश काॅलेज अध्यापक संघ के अध्यक्ष धर्मवीर धरवाला, उपाध्यक्ष राम लाल, एपीजी विश्वविद्यालय के उप-कुलपति रमेश चौहान, हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय के पूर्व उप-कुलपति सुनील गुप्ता, विभिन्न काॅलेजों के प्राध्यापक तथा सेवानिवृत प्राध्यापकगण उपस्थित थे।