आप सभी को नव वर्ष 2020 की हार्दिक शुभकामनाएं
हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए बुधवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है । *वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है। * नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है। * योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है । *करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है । इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचाग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
बुधवार का पंचांग
गणेश गायत्री मंत्र :आ
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) - बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है। बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। इस दिन गणेशजी की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
*विक्रम संवत् 2076 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य *शक संवत - 1941 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - शरद ऋतु *मास - पौष माह *पक्ष - शुक्ल पक्ष
तिथि (Tithi)- षष्ठी - 18:27 तक तदुपरांत सप्तमी
तिथि का स्वामी - षष्ठी तिथि के स्वामी कार्तिकेय जी है एवं सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्यदेव है ।
षष्टी तिथि के स्वामी भगवान शिव के पुत्र भगवान कार्तिकेय है । षष्ठी को इनकी पूजा करने से व्यक्ति वीर, शक्ति सम्पन्न एवं यशवान बनता है। जिनकी कुंडली में मंगल की दशा चल रही हो या कोई जातक मुक़दमे में फंसा हो तो उसे भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है । मुक़दमे / राज द्वार में विजय प्राप्त करने के लिए षष्टी की शाम को किसी भी शिव मंदिर में जाकर भगवान कार्तिकेय को 6 दीपक अर्पित करने चाहिए । षष्टी के दिन भगवान कार्तिकेय पर नीला रेशमी धागा चढ़ाकर उसे अपनी बाँह में बाँधने से शत्रु परास्त होते है समाज में विजय मिलती है ।
नक्षत्र (Nakshatra)- पूर्व भाद्रपद - 2 जनवरी 04:23 तक तदुपरांत उत्तर भाद्रपद
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- पूर्व भाद्रपद नक्षत्र के देवता अजचरण(अजपात नामक सूर्य ) है एवं उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के देवता अहिर्बुध्न्य (नाम का सूर्य ) है ।
योग(Yog) - व्यतीपात - 21:51 तक
प्रथम करण : - तैतिल - 18:27 तक
द्वितीय करण : - गर - पूर्ण रात्रि तक
गुलिक काल : - बुधवार को शुभ गुलिक 10:30 से 12 बजे तक ।
दिशाशूल (Dishashool)- बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है । इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा/हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
राहुकाल (Rahukaal) : - बुधवार को राहुकाल दिन 12:00 से 1:30 तक ।
सूर्योदय - प्रातः 07:19
सूर्यास्त - सायं 17:29
विशेष - षष्ठी को नीम का सेवन नहीं करना चाहिए ।
पर्व त्यौहार- नव वर्ष 2020
मुहूर्त (Muhurt) - षष्ठी तिथि यात्रा, पितृ कर्म, मंगल कार्य, संग्राम, शिल्प, वास्तु, भूषण के लिए शुभ है।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचाग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।