हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए सोमवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है । *वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है। * नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है। * योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है । *करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचाग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
सोमवार का पंचांग
सोमवार , 06 जनवरी , 2020
रुद्र गायत्री मंत्र : ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) - सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर आचार्यचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है ।
*विक्रम संवत् 2076 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य*शक संवत - 1941 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - शरद ऋतु *मास - पौष माह *पक्ष - शुक्ल पक्ष
तिथि (Tithi)- एकादशी - 07 जनवरी 04:02 तक तदुपरांत द्वादशी
तिथि का स्वामी - एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी है तथा द्वादशी तिथि के स्वामी विष्णु जी है ।
आज अति पूर्ण दायक पुत्रदा एकादशी है । एकादशी के दिन स्नान करके मंदिर में जाकर अथवा घर पर ही भगवान विष्णु जी के चित्र के सामने गीता का पाठ अवश्य ही करें, इससे पितृ प्रसन्न होते है, पितरो का आशीर्वाद मिलता है, पुण्य का संचय होता है।
एकादशी के दिन सात पीली कौड़ियों और सात हल्दी की गाँठो को पीले कपडे में लपेटकर तिजोरी में रखे, इस उपाय को करने से भगवान श्री विष्णु के साथ साथ माँ लक्ष्मी की भी पूर्ण कृपा मिलती है, धन संपत्ति की कोई भी कमी नहीं रहती है।
नक्षत्र (Nakshatra)- भरणी - 14:16 तक तदुपरांत कृत्तिका
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- भरणी नक्षत्र के देवता अन्तक(यमराज ) है एवं कृत्तिका नक्षत्र के देवता अग्नि है ।
योग(Yog) - साध्य - 23:39 तक
प्रथम करण : - वणिज - 15:39 तक
द्वितीय करण : - विष्टि - 07 जनवरी 04:02 तक
गुलिक काल : - दोपहर 1:30 से 3 बजे तक ।
दिशाशूल (Dishashool)- सोमवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दर्पण देखकर, दूध पीकर जाएँ ।
राहुकाल (Rahukaal)-सुबह -7:30 से 9:00 तक।
सूर्योदय - प्रातः 02:20
सूर्यास्त - सायं 17:33
विशेष - एकादशी में चावल और सेम की फली नहीं खानी चाहिए , इस दिन इनके सेवन से पाप और रोग बढ़ता है ।
पर्व त्यौहार- सफलता एकादशी
"हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचाग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।