मंडी: (हिमदर्शन न्यूज़); लोहड़ी मकर संक्रांति मेला ततापानी में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के आने का स्वागत है परंतु खेद की बात है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को खिचड़ी तथा आरती में ही उलझाए हुए रखा गया जबकि आम जनता के जो स्थानीय मुद्दे हैं उन पर कोई विशेष बातचीत नहीं हुई है और न ही उनके समाधान को लेकर कोई प्रयास हुए हैं, जिसको लेकर ततापानी क्षेत्र के लोगों को इस बात का मलाल है कि उनकी समस्याओं को भी मुख्यमंत्री के पास रखा जाना चाहिए था तथा उपहार के रूप में ततापानी के लिए विकास कार्य मांगे जाने चाहिए थे जो कि नहीं हो सके हैं, ततापानी के सोंदर्यकरण को पेकेज योजना मागीं जाती, झील के चारो तरफ आधुनिक लाईटे स्थापित करने की योजना मागी जाती, एक सुंदर पार्क का निर्माण योजना मुख्यमंत्री से मांगी जाती पर ऐसा नहीं किया गया।
इस बारे जिला परिषद सदस्य निर्मला चौहान ने लिखित जानकारी देते हुए कहा कि ततापानी में लोहड़ी मकर सक्त्रांति मेले पर खिचड़ी बनाने संबंधी रिकार्ड कहा गया है परंतु इस धार्मिक तीर्थ स्थल की गरिमा तथा गौरव बना रहे उसका कोई ख्याल नहीं किया जा रहा, धार्मिक तीर्थ स्थल ततापानी में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है यहां तक कि मेले के लिए भी स्नानागार कामचलाऊ ही किए गए जबकि सरकार इन स्नानागार के लिए खुले मन से पैसा खर्च करने की बात कहते हुए नहीं थकती है परंतु स्नानागार सुविधाजनक नहीं हैं जिन्हें देखकर इस तीर्थ स्थल पर आने वाले लोगों को निराशा ही हाथ लगती है।
यहां तक कि हजारों लोग ततापानी धार्मिक तीर्थ स्थल की और हर रोज आते हैं परंतु अच्छी सुविधा वाले शौचालय का निर्माण करना शायद भूल दिया गया हुआ है तथा लोहड़ी मकर सक्रांति के मेले को सामने देखकर भी आनन-फानन में आधे अधूरे स्नानागार बनाकर अपनी पीठ थपथपाई जा रही है । जबकि जनता सब जानती है, तत्तापानी में लोहड़ी मकर सक्रान्ति मेला लगभग एक महीना चलता रहता है । जिसके चलते आम जनता को सबसे पहले इस तीर्थस्थल में पुण्य स्नान की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।
महिलाओं के अलग से सुविधाजनक, सुरक्षा की दृष्टि से अच्छे स्नानागार स्थापित किए जाने की आवश्यकता है। परंतु हर साल कामचलाउ कार्य करते हुए मेला निपटा दिया जाता है। तथा उसके बाद इस धार्मिक तीर्थ स्थल की कोई पूछ नहीं होती है। तत्तापानी बाजार में नालियों की हालत खस्ता है, रोजाना सफाई की कोई व्यवस्था नहीं हो रही है, कुडा कचरा पसरा हुआ है। सारा कूड़ा कचरा पवित्र स्थान में उस झील को ही उड़ेला जा रहा है जिसकी पूजा करने के लिए लोग दूर-दूर से आते है।
जिला परिषद सदस्य निर्मला चौहान ने कहना है कि जनप्रतिनिधि चाहे किसी भी पार्टी के हो उन्हें क्षेत्रीय जनता चुनकर कर भेजती हैं, परन्तु मौजूदा सरकारे उन्हें उनके क्षत्रों में आयोजित मेलों व सरकारी कार्यक्रमो में कहीं भी शामिल नही करती है जबकि जनता के चुने प्रतिनिधियों को ऐसे कार्यक्रमो में शामिल किया जाना चाहिए ताकि वह भी क्षेत्र की समस्याओं को सरकार के समक्ष रखकर समाधान किया जा सकें परंतु सरकार विपक्षी दलों के जनप्रतिनिधियों को उनके ही चुनाव क्षेत्रों में दरकिनार कर रही है ।