पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए मंगलवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है । *वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है। * नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है। * योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है । *करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
मंगलवार का पंचांग
28 जनवरी , मंगलवार 2020
हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) - मंगलवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए । मंगलवार को बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है।
*विक्रम संवत् 2076 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य *शक संवत - 1941 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - शरद ऋतु *मास - माघ माह *पक्ष - शुक्ल पक्ष
तिथि (Tithi)- तृतीया - 08:21 तक तदुपरांत चतुर्थी
तिथि का स्वामी - तृतीया तिथि के स्वामी पार्वती शिव जी है तथा चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेशजी जी है ।
तृतीया तिथि की स्वामी माँ गौरी और कुबेर जी है । तृतीया को जया तिथि भी कहा गया है। केवल बुधवार की तृतीया को छोड़कर यह तिथि सभी शुभ कार्यों में सफलता दिलाने वाली कही गई है।
चतुर्थी तिथि के स्वामी विघ्नविनाशक गणपति गणेश जी है । इस तिथि का एक नाम खला भी है खला जिसका अर्थ है किसी विशेष परिणाम / सफलता का प्राप्त ना होना। इसलिए चतुर्थी तिथि में प्रारम्भ किए गए कार्यों के विशेष परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं। इस तिथि के स्वामी विघ्नविनाशक श्री गणेश जी की आराधना से जीवन के सारे विघ्न दूर हो जाते हैं। चतुर्थी को भगवान गणेश जी के मन्त्र "ॐ गं गणपतये नमः" का अवश्य ही जाप करें । इस दिन ज्यादा से ज्यादा इस मन्त्र का उच्चारण करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते है , कर्ज मिटता है । जीवन में धन, यश और बुद्दि की प्राप्ति होती है ।
नक्षत्र (Nakshatra)- शतभिषा - 09:23 तक तदुपरांत पूर्व भाद्रपद
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- शतभिषा नक्षत्र के देवता तोयम है तथा पूर्व भाद्रपद नक्षत्र के देवता अजचरण(अजपात नामक सूर्य ) है ।
योग(Yog) - परिघ - 29 जनवरी 03:33 तक
प्रथम करण : - गर - 08:21 तक
द्वितीय करण : - वणिज - 21:32 तक
गुलिक काल : - दोपहर 12:00 से 01:30 तक है ।
दिशाशूल (Dishashool)-मंगलवार को उत्तर दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से गुड़ खाकर जाएँ ।
राहुकाल (Rahukaal)दिन - 3:00 से 4:30 तक।सूर्योदय - प्रातः 07:16सूर्यास्त - सायं 17:51
विशेष - तृतीया तिथि को परवल नहीं खाना चाहिए (तृतीया को परवल खाने से शत्रुओं की वृद्धि होती है।चतुर्थी को मूली नहीं खानी चाहिए । (चतुर्थी को मूली खाने से धन-नाश होता है ।
मुहूर्त (Muhurt) - तृतीया तिथि को यात्रा , शिल्प , चूड़ा कर्म, अन्नप्राशन व गृह प्रवेश शुभ है। चतुर्थी तिथि रिक्ता तिथियां हैं। इनमें कोई भी मांगलिक कार्य कतई नहीं करने चाहिए।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचाग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।