आप सभी को जया एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं
हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए बुधवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है । *वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है। * नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है। * योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है । *करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है । इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचाग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
बुधवार का पंचांग
05 फरवरी 2020 का पंचाग ( Panchang )
गणेश गायत्री मंत्र :
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) - बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है। बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। इस दिन गणेशजी की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
*विक्रम संवत् 2076 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य *शक संवत - 1941 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - शरद ऋतु *मास - माघ माह *पक्ष - शुक्ल पक्ष
तिथि (Tithi)- एकादशी - 21:30 तक तदुपरांत द्वादशी
तिथि का स्वामी - एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी है एवं द्वादशी तिथि के स्वामी विष्णु जी है ।
आज अति पूर्ण दायक जया एकादशी है। एकादशी के दिन स्नान करके मंदिर में जाकर अथवा घर पर ही भगवान विष्णु जी के चित्र के सामने गीता का पाठ अवश्य ही करें, इससे पितृ प्रसन्न होते है, पितरो का आशीर्वाद मिलता है, पुण्य का संचय होता है।
एकादशी के दिन दान का बहुत ही महत्व है । प्रत्येक एकादशी के दिन पीले रंग के वस्त्र , पीले फल, पीला अनाज, पीला मिष्ठान भगवान विष्णु को अर्पण करें इसके बाद ये सभी वस्तुएं योग्य ब्राह्मण / गरीबों में दान कर दें। इस उपाय से भगवान विष्णु की कृपा बनती है कार्यों में मनवांच्छित सफलता प्राप्त होती है ।
नक्षत्र (Nakshatra)- मॄगशिरा - 25:59+ तक तदुपरांत आर्द्रा
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- मॄगशिरा नक्षत्र के देवता शशम्रत ( चन्द्रमा ) है एवं आर्द्रा नक्षत्र के देवता रूद्र ( शिवजी ) है ।
योग(Yog) - वैधृति - 27:36+ तक विष्कम्भ
प्रथम करण : - वणिज - 09:46 तक
द्वितीय करण : - विष्टि - 21:30 तक
गुलिक काल : - बुधवार को शुभ गुलिक 10:30 से 12 बजे तक ।
दिशाशूल (Dishashool)- बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है । इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा/हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
राहुकाल (Rahukaal) : - बुधवार को राहुकाल दिन 12:00 से 1:30 तक ।
सूर्योदय - प्रातः 07:11
सूर्यास्त - सायं 17:59
विशेष - एकादशी में चावल और सेम की फली नहीं खानी चाहिए , इस दिन इनके सेवन से पाप और रोग बढ़ता है ।
पर्व त्यौहार- जया एकादशी
मुहूर्त (Muhurt) - एकादशी तिथि व्रत, उपवास, धार्मिक कृत्य, देवोत्सव, उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचाग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।