सरकारी टेलीकॉम कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के कर्मचारियों को एक बार फिर से जुलाई की सैलरी नहीं मिली है। जिससे इन कर्मचारियों के सामने फिर से संकट खड़ा हो गया है। बीएसएनएल के सीएमडी ने कहा है कि कर्मचारियों को पांच अगस्त तक सैलरी मिल जाएगी।
रोक दिया है भुगतान
एमटीएनएल और बीएसएनएल ने वेंडर्स के पेमेंट को भी रोक दिया है। एमटीएनएल के कर्मचारियों की जून महीने की सैलरी भी नहीं मिली है, जबकि बीएसएनएल के कर्मचारियों के लिए जुलाई की सैलरी मिल पाना मुश्किल लग रहा है। बीएसएनएल के सीएमडी पीके पुरवार ने कहा है कि कंपनी अपने संसाधनों का प्रयोग करके हर हाल में जुलाई माह की सैलरी पांच अगस्त तक दे सकेगी।
हो सकता है विलय
केंद्र सरकार जल्द ही घाटे में चल रही दो दूरसंचार कंपनियों (बीएसएनएल व एमटीएनएल) को विलय कर सकती है। इस तरह का प्रस्ताव दूरसंचार मंत्रालय ने तैयार कर लिया है। हालांकि दोनों कंपनियों का रिवाइवल भी हो सकता है, जिसके लिए भी एक विकल्प पर काम चल रहा है।
प्रस्ताव के मुताबिक एमटीएनएल का बीएसएनएल में विलय किया जाएगा, ताकि दोनों कंपनियां के घाटे में कमी आ सके। एमटीएनएल दिल्ली और मुंबई में टेलीफोन सेवाएं देती है। बाकी सर्किल में बीएसएनएल की सेवाएं उपलब्ध हैं। फिलहाल दोनों कंपनियां घाटे में चल रही हैं।
बीएसएनएल पर फिलहाल 14 हजार करोड़ की देनदारी है और वित्त वर्ष 2017-18 में उसे 31287 करोड़ का नुकसान हुआ था। कंपनी में फिलहाल 1.76 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। वीआरएस देने से कर्मचारियों की संख्या अगले 5 सालों में 75 हजार रह जाएगी।
एमटीएनएल में 22 हजार कर्मचारी
एमटीएनएल में फिलहाल 22 हजार कर्मचारी हैं और कंपनी की 19 हजार करोड़ रुपये की उधारी है। कंपनी अपनी 90 फीसदी आय कर्मचारियों की सैलरी देने में खर्च करती है। अगले 6 साल में कंपनी के करीब 16 हजार कर्मचारी रिटायर हो जाएंगे।