ग्राम सचिव की मनमानी के चलते पंचायत प्रतिनिधियों में आक्रोश, उपायुक्त से की शिकायत
पंचायती राज में प्रारम्भिक स्तर की संस्था ''ग्राम पंचायत'' सबसे महत्वपूर्ण संस्था है। ग्राम पंचायत ही निर्वाचित प्रतिनिधियों की एक ऐसी संस्था है जिसे जनता के आमने-सामने हो कर जवाब देना पड़ता है तथा अधिकांश कार्यकलापों के लिए निर्णय लेने हेतु पहले उनकी सहमति लेनी होती है। वहीं अगर पंचायत मुखिया, उपमुखिया तथा पंचायत के प्रतिनिधियों तथा पंचायत सचिव के मध्य अगर खटपट हो तो उस पंचायत में विकासात्मक कार्य क्या होंगे उसकी कल्पना आसानी से की जा सकती है। ग्राम पंचायत की सामान्य और विशेष बैठक आयोजन की नोटिस में बैठक का स्थान, तिथि समय तथा बैठक का एजेण्डा स्पष्ट रूप से लिखा जाना चाहिए। ग्राम पंचायत की बैठक के लिए कार्यावली (ऐजेण्डा) मुखिया/ उप मुखिया की सहमति से पंचायत सचिव के द्वारा बनाई जाती है। हर बैठक की कार्रवाई के विवरण को उसके लिए उपलब्ध रजिस्टर में अंकित किया जाना चाहिए और बैठक में भाग लेने वालों का हस्ताक्षर होना अनिवार्य है। यह आम जनता के निरीक्षण के लिए उपलब्ध रहनी चाहिए। सामान्य बैठक की सूचना बैठक के सात दिन पूर्व तथा विशेष बैठक की सूचना तीन दिन पूर्व देना अनिवार्य है। ग्राम पंचायत की बैठक की अध्यक्षता करने का दायित्व मुखिया का है। मुखिया की अनुपस्थिति में बैठक की अध्यक्षता उपमुखिया द्वारा किया जायेगा।
सोलन: (अर्की) कुनिहार ब्लाक की ग्राम पंचायत दानोघाट के सभी प्रतिनिधियों ने पंचायत सचिव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ग्राम पंचायत दानोघाट की प्रधान रामदेई, उपप्रधान राजेश कुमार तथा वार्ड सदस्यों मस्तराम, निर्मला देवी, नर्वदा देवी, बिमला देवी, देवेन्द्र कुमार, नर्वदा देवी व लता आदि का पंचायत सचिव तजेन्द्र वर्मा पर आरोप है कि समस्त पंचायत के जनप्रतिनिधि उनकी कार्यप्रणाली से संतुष्ट नही है। इसलिए दानोघाट पंचायत सचिव तजेंद्र वर्मा की मनमानी से तंग आकर सभी पंचायत सदस्यों ने उपायुक्त से मिलकर अपने अपने पद से स्तीफा देने का का सामुहिक तौर से आवेदन किया है।
पंचायत सचिव की मनमानी से पंचायत प्रतिनिधि परेशान
पंचायत सचिव तजेंद्र वर्मा की मनमानी से पंचायत के विकासात्मक कार्य नही हो रहें है। विगत छः माह से दानोघाट पंचायत के कार्यकारिणी की बैठक सुचारू रूप से नहीं हुई है और न ही सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों तथा योजनाओं की जानकारी वार्ड सदस्यों को मिली है। पंचायत में योजना का काम किस रूप में और कहा-कहां हो रहा है वह अभिलेखों पर ही सिमटकर रह गया है। जिससे दानोघाट पंचायत का विकास अवरुद्ध हो गया है। ग्राम पंचायत के सभी जनप्रतिनिधियों ने जिला उपायुक्त को लिखित में सचिव के खिलाफ शिकायत की है कि वह पंचायत में हो रहे कार्यों की आदायगी समय पर नही करता जिस कारण पंचायत के सभी कार्य समय पर नही हो रहें है तथा पंचायत का सम्पूर्ण विकास ठप हो गया है।
पंचायत कार्यालय से नदारद रहते हैं सचिव
पंचायत समस्त प्रतिनिधियों का कहना है कि पिछले छः महीनों से कभी भी पंचायत की बैठक समय पर नही हुई है, सचिव अपनी मनमर्जी से बैठक की तिथि आगे पीछे करता रहता है जिसकी सूचना पंचायत ने विभाग को पहले कई बार दी है। अब 27 अगस्त को भी पंचायत की बैठक थी लेकिन महोदय ने कार्यवाही में सभी वार्ड सदस्य के हस्ताक्षर करवाये और 12 बजे से पहले बैठक छोड़ कर चले गए। जिसके कारण पंचायत के कोई भी प्रस्ताव नही लिखे गए।
ग्राम पंचायत सचिव को हटाने की पंचायत ने की मांग
ग्राम पंचायत के प्रधान, उपप्रधान सहित सभी वार्ड मेम्बर की उपायुक्त सोलन से मॉग है कि ग्राम पंचायत दानोघाट से पंचायत सचिव को तुरंत प्रभाव से पंचायत दानोघाट से हटा दिया जाए तथा उनके खिलाफ उचित कार्यवाही अमल में लाई जाए अन्यथा सभी पंचायत प्रतिनिधि अपना अपना स्तीफा देने के लिए तैयार बैठे है। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि जब तक उनकी पंचायत में यह सचिव तैनात रहेगा वे पंचायत में नही जाएंगे।