चंद्रयान-2 के अंतिम चरण में मून लैंडर विक्रम से समय संपर्क टूटने की निराशा के बीच राहत पहुंचाने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, इसरो के अधिकारियों ने दावा किया है कि ऑर्बिटर चांद की कक्षा में पूरी तरह से सुरक्षित है और सामान्य तरीके से काम कर रहा है।
वैज्ञानिकों के अनुसार ऑर्बिटर का मिशन लाइफ एक वर्ष है और इसके पेलोडस 100 किमी की कक्षा से चंद्रमा का निरीक्षण करते रहेंगे। आपको बता दें कि इससे पहले भारत से चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम के संपर्क टूटने की जानकारी लगी थी।
यह तब हुआ वह जब विक्रम शनिवार तड़के अपने मिशन को पूरा करने के लिए चांद की सतह पर पहुंचने ही वाला था। गौरतलब है कि इसरों के इस मिशन में 978 करोड़ रुपए की लागत आई थी। लेकिन चंद्रयान-2 मिशन पर अब आशंका बढ़ गई है।
चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद जहां सेंटर में मौजूद इसरो के वैज्ञानिकों में भारी निराशा का भाव छा गया, वहीं पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आपने बेहतरीन काम किया है। यह कोई कम बड़ी उपलब्धि नहीं है। पीएम ने कहा कि निराश होने की कोई जरूरत नहीं है, जीवन में उतार-चढ़ाव चलते रहते हैं।