रविवार को वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री राम जेठमलानी का उनके नई दिल्ली स्थित आवास पर निधन हो गया. उनके निधन की पुष्टि अधिवक्ता आशीष दीक्षित ने की. जेठमलानी 96 वर्ष के थे। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में शहरी विकास मंत्री के रूप में भी काम किया था। 2010 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया था। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में राम जेठमलानी केंद्रीय मंत्री रह चुके थे। उन्होंने कानून, न्याय और कंपनी अफेयर मंत्री और शहरी विकास मंत्रालय का पद भी संभाला था।
नई दिल्ली: वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी का आज 96 साल की उम्र में निधन हो गया। राम जेठमलानी काफी समय से बीमार चल रहे थे। बीमारी के कारण राम जेठमलानी काफी कमजोर भी हो चुके थे। राम जेठमलानी ने कई मशहूर केस लड़े थे। इनमें इंदिरा गांधी के हत्यारों का के, डॉन हाजी मस्तान और हर्षद मेहता जैसे केस शामिल हैं। राम जेठमलानी एक वरिष्ठ वकील के साथ-साथ आरजेडी से राज्यसभा सांसद भी थे।
माई लॉर्ड मैं आपके सामने अब अंतिम बार हाजिर हो रहा हूं-
राम जेठमलानी कोर्ट के एक अधिकारी से हमेशा ये कहते थे कि मैं अब भगवान का इंतजार करने वाला बूढ़ा शख्स हूं। 2017 में राम जेठमलानी ने सात दशकों के अपने वकालत के करियर से आराम लिया था। जब राम जेठमलानी मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के स्वागत समारोह में दाखिल हुए थे तब उन्होंने अपने करियर को विराम देते हुए घोषणा कि थी कि माई लॉर्ड मैं आपके सामने अब अंतिम बार हाजिर हो रहा हूं। मैं अब 90 से ज्यादा हो चुका हूं। मैं अब भगवान का इंतजार करने वाला बूढ़ा शख्स हूं। राम जेठमलानी ने कहा कि जिनकों उन्होंने कभी बच्चों के रुप में देखा था, अब वो न्यायाधीश औऱ मुख्य न्यायाधीश के पद पर हो चुके हैं।
राम जेठमलानी ने घोषणा के वक्त कहा था कि अगर किसी युवा वकील को उनसे कुछ सीखना है तो उनका घर हमेशा ही युवा वकीलों के लिए खुला है। साथ ही युवा वकीलों को बताया कि ये गुलाब का बिस्तर नहीं है। ये एक ऐसा बिस्तर है जहां पर कोई गुलाब नहीं होता। दूसरे दिन गुलाब होता है पर कोई बिस्तर नहीं।
विभाजन के बाद शरणार्थी के रुप में आए थे जेठमलानी-
बता दें कि जेठमलानी 1947 में हुए विभाजन के बाद एक शरणार्थी के रुप में भारत आए थे। अपने काबिलियत के वजह से वो देश के महान वकीलों में शुमार हो गए। राम जेठमलानी बिना किसी भेदभाव के सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनेताओं, डकैतों, जासूसों और हत्यारों के वकील रह चुके हैं।
राम जेठमलानी बिना किसी भेदभाव के अपना केस लड़ते थे और उन्होंने कई अपराधियों को फांसी की सजा से बचाने में मदद की। वहीं मौत की सजा के पक्ष में भी अपना पक्ष उन्होंने बखूबी पेश किया था। राम जेठमलानी भ्रष्टाचार के खिलाफ भी लड़े और भ्रष्टाचार के मामलों में कई हस्तियों के लिए भी लड़े।
तेज स्वभाव के लिए जाने जाते थे जेठमलानी-
वहीं बात करे उनके करियर की तो वो अपने तेज स्वभाव के सिए भी जाने जाते थे। राम जेठमलानी एक अच्छे वकील होने के साथ-साथ एक कुशल राजनेता भी रहे। साथ ही वो आरजेडी से राज्यसभा सांसद भी रह चुके थे।