करसोग में डॉक्टरों की कमी ने पकड़ा तूल, यूथ कांग्रेस का क्रमिक अनशन जारी, जनता में भी आक्रोश
करसोग का सरकारी अस्पताल बस नाम का ही अस्पताल बन कर रह गया है। अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी है। इस सिविल अस्पताल में व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। कभी मरीजों को डॉक्टर नहीं मिलते तो कभी उपचार के लिए दवाएं सहित अन्य सामान। आलम यह है कि कई बार इस अस्पताल में डे्रसिंग करने तक के लिए एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं होता है।
मंडी: (करसोग); जिला मंडी के करसोग में डॉक्टरों की कमी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। सरकार की अनदेखी से नाराज यूथ कांग्रेस का क्रमिक अनशन पर बैठ हुई है। कार्यकर्ताओं ने दो टूक एलान किया है कि जब तक सरकार करसोग सिविल हॉस्पिटल में डॉक्टर नहीं भेजती है, ये अनशन तब तक जारी रहेगा। रविवार को करसोग में चिकित्सकों को लेकर चल रहे युवा कांग्रेस के क्रमिक अनशन सातवें दिन हो गया है। जिला परिषद माहूंनाग बगशाड की सदस्या निर्मला चौहान ने शामिल होकर युवा कांग्रेस का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि करसोग अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा पिछले कई दिनों से ठप है उन्होंने क्षेत्र की जनता से अनुरोध किया कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस क्रमिक अनशन में भाग लेकर अपनी इस समस्या को सरकार तक पहुंचाएं। उन्होंने जयराम सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि जब से प्रदेश में भाजपा सरकार बनी है करसोग के विकास को मानो ग्रहण सा लग गया है उन्होंने कहा कि करसोग में कोई भी विकास कार्य नहीं हो रहे , खासतौर से स्वास्थ्य सेवा के लिए क्षेत्र के लोग तरस रहे हैं लोगों को मामूली बुखार के ईलाज के लिए भी शिमला का रुख लेना पड़ता है उन्होंने सरकार से निवेदन किया कि जल्दी ही करसोग अस्पताल में खाली पड़े चिकित्सकों के रिक्त पदों भरा जाए ताकि क्षेत्र की जनता को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े।
करसोग में करोड़ों रुपये से बने अस्पताल का जनता को नही मिल रहा कोई फायदा - निर्मला चौहान
इतने बड़े अस्पताल के लिए सरकार के पास कोई डॉक्टर नहीं -
निर्मला चौहान ने हिमदर्शन न्यूज़ समाचार के सवांददाता से करसोग में बने अस्पताल के बारे में कहा कि करसोग में सरकार ने अस्पताल में 150 बिस्तरों की सुविधा तो दी है, लेकिन इतने बड़े अस्पताल के लिए सरकार के पास कोई डॉक्टर नहीं है। लोगों को बढ़िया इलाज की सुविधा मिले, इसके लिए सरकार ने डॉक्टरों के 16 पद स्वीकृत किए हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि अस्पताल में 4 से ज्यादा डॉक्टर नही हैं। डॉक्टरों के 11 पद खाली चल रहे है। जिससे लोगों में सरकार के प्रति भारी रोष है। जिला परिषद माहूंनाग बगशाड की सदस्या निर्मला चौहान ने सरकार से जल्द से जल्द डॉक्टरों के खाली पद भरने की मांग की है। ताकि लोगों को शिमला या मंडी जाने की समस्या से छुटकारा मिल सके।
करसोग में करोड़ों रुपये से बने अस्पताल का जनता को नही मिल रहा कोई फायदा -
करसोग के लोगों का कहना था कि डॉक्टरों की भारी कमी के कारण दूर-दराज से इलाज के लिए आने वाले मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। समय पर सुविधा न मिलने के कारण लोगों को शिमला और मंडी स्थित अस्पताल में इलाज के लिए जाना पड़ रहा है। जिसमें उनका काफी पैसा और कीमती समय बर्बाद हो रहा है। ऐसे में करसोग में अस्पताल के भवन पर खर्च किए गए करोड़ों रुपये का आम जनता को कोई लाभ नहीं हो रहा है।