जय हनुमान जी । आज मंगलवार का पंचांग; 17 सितम्बर 2019; जानिए आजका शुभ मुहूर्त व राहुकाल
हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए मंगलवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है । *वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है। * नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है। * योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है । *करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
मंगलवार का पंचांग
17 सितम्बर , मंगलवार 2019
हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) - मंगलवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए । मंगलवार को बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है।
*विक्रम संवत् 2076 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य *शक संवत - 1941 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - वर्षा ऋतु *मास - आश्विन माह *पक्ष - कृष्ण पक्ष
तिथि (Tithi)- तृतीया - 16:33 तक तदुपरांत चतुर्थी
तिथि का स्वामी - तृतीया तिथि के स्वामी पार्वती शिव है तथा चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेशजी है ।
तृतीया तिथि की स्वामी माँ गौरी और कुबेर जी है । तृतीया तिथि में माँ गौरी जी की दूध मिठाई, अक्षत और सफ़ेद फूल से पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख सौभाग्य की वृद्धि होती है। तृतीया को देवताओं के कोषाध्यक्ष और भगवान शंकर के प्रिय मित्र कुबेर जी की अवश्य ही पूजा करनी चाहिए। शिवजी को सर्वाधिक प्रिय बेल पत्रों से कुबेर जी की पूजा करने, कुबेर देव के मन्त्र का जाप शिवजी के मंदिर में या बिल्व (बेल) पेड़ के नीचे बैठ कर करने से विशेष फल फल मिलता है। कुबेर का मंत्र इस प्रकार है- ‘ओम श्री ओम हृं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम:।’ इस जप के लिये सर्वोत्तम समय प्रातः काल है। घर में उत्तर दिशा में कुबेर देव जी की तस्वीर अथवा मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए । शास्त्रों के अनुसार कुबेर देव की आराधना करने वाला मनुष्य धनाढ्य तथा सुख-समृद्धि से संपन्न हो जाता है औरउसके परिवार के सभी सदस्य आरोग्य प्राप्त करते है।
नक्षत्र (Nakshatra)- अश्विनी - पूर्ण रात्रि तक
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- अश्विनी नक्षत्र के देवता नासत्(दोनों अश्वनी कुमार) है ।
योग(Yog) - ध्रुव - 23:23 तक
प्रथम करण : - विष्टि - 16:33 तक
द्वितीय करण : - बव - 18 सितम्बर 05:25+ तक
गुलिक काल : - दोपहर 12:00 से 01:30 तक है ।
दिशाशूल (Dishashool)-मंगलवार को उत्तर दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से गुड़ खाकर जाएँ ।
राहुकाल (Rahukaal)दिन - 3:00 से 4:30 तक।
सूर्योदय - प्रातः 006:06
सूर्यास्त - सायं 06:25
विशेष - तृतीया तिथि को परवल नहीं खाना चाहिए (तृतीया को परवल खाने से शत्रुओं की वृद्धि होती है । )·
मुहूर्त (Muhurt) - तृतीया तिथि को यात्रा , शिल्प , चूड़ा कर्म, अन्नप्राशन व गृह प्रवेश शुभ है।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।