SC/ST एक्ट: सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की बात मानी, अब फिर से पहले की तरह तुरंत होगी गिरफ्तारी
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट (SC-ST Act) में अपना पुराना फैसला वापस ले लिया है। अब इस एक्ट के तहत बिना जांच के एफआईआर दर्ज की जा सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला SC/ST एक्ट के प्रावधानों को हल्का करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुनाया है।
अब सरकारी कर्मचारी और सामान्य नागरिक को गिरफ्तार करने से पहले अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। इससे पहले शिकायत दर्ज करने के बाद जांच करने पर ही FIR दर्ज करने के कोर्ट ने आदेश दिए थे। अब कोर्ट ने यह बदल दिया है। अब पहले जांच जरूरी नहीं है। जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस बी आर गवई की पीठ फैसला ने सुनाया फैसला।
मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के SC/ST एक्ट पर दिए पुराने फैसले को संसद में संशोधित कर दिया था पहले जैसा
बता दें कि केंद्र सरकार ने पूर्व में दिए सुप्रीम कोर्ट के SC/ST ACT फैसले को संसद में संशोधित कानून पास कर इन प्रावधानों को पहले जैसा (वापस) कर दिया था। जिससे यह कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी कर दिया गया था और तुरंत गिरफ्तारी व अग्रिम जमानत ना मिलने जैसे प्रावधान लागू हो गए थे। हालांकि इसका नतीजा केंद्र सरकार को कई राज्यों में भुगतना पड़ा था।
ये था SC/ST ACT पर सुप्रीम कोर्ट का पुराना फैसला -
सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने फैसले में एससी एसटी कानून के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए दिशा निर्देश जारी किये थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एससी एसटी अत्याचार निरोधक कानून में शिकायत मिलने के बाद तुरंत मामला दर्ज नहीं होगा. डीएसपी पहले शिकायत की प्रारंभिक जांच करके पता लगाएगा कि मामला झूठा या दुर्भावना से प्रेरित तो नहीं है. इसके अलावा इस कानून में एफआईआर दर्ज होने के बाद अभियुक्त को तुरंत गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. साथ ही अग्रिम जमानत का प्रावधान होगा।