नई दिल्ली: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) द्वारा टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को ऑनलाइन नोटिस (Online Notice) जारी करने के लिए आवश्यक डॉक्युमेंटेशन आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN) जारी करने की प्रणाली मंगलवार से शुरू हो गई. वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब से प्रत्येक सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) संचार के लिए एक DIN होना आवश्यक होगा. यह प्रणाली टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी।
CBDT के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के निर्देश पर DIN प्रणाली को विकसित किया गया है. अब सीबीडीटी टैक्सपेयर्स को डीआईएन के साथ ही नोटिस जारी करेगा. सीबीडीटी के इस फैसले के अमल में आने के पहले दिन यानी मंगलवार को आयकर विभाग ने 17500 से ज्यादा DIN जनरेट किए।
रेवेन्यु सेक्रेटरी अजय भूषण पांडे ने कहा, आज से कंप्यूटर जनरेटेड DIN के बिना आयकर विभाग की ओर से नोटिस, लेटर, आदेश या समन या अन्य किसी भी तरह का कम्युनिकेशन इनवैलिड माना जाएगा और इसका कानूनी तौर पर कोई अस्तित्व नहीं होगा. ऐसे डॉक्युमेंट को लेकर माना जाएगा कि उन्हें कभी जारी ही नहीं किया गया।
बिना DIN के कागजात माने जाएंगे अवैध
सीबीडीटी के निर्देशों के मुताबिक विशेष परिस्थितियों को छोड़कर बिना DIN के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से जारी किए गए सभी कागजात और पत्राचार अवैध माने जाएंगे. DIN केवल उसी स्थिति में लगाना जरूरी नहीं होगा, जहां ये जरूर नहीं समझा जाएगा पर इसके लिए प्रधान आयकर आयुक्त या आयकर महानिदेशक से मंजूरी लेनी होगी।
अब नोटिस कंप्यूटर आधारित तकनीक के तहत DIN के जरिये भेजे जाएंगे. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल के दिनों में रिटर्न भरने और शिकायत निवारण प्रणाली में डिजिटल को बढ़ावा दिया है. यह उसी दिशा में उठाया गया कदम है।
सीबीडीटी के दिशानिर्देश के मुताबिक, ऐसे पत्राचार को 15 दिन के भीतर डिपार्टमेंट के पोर्टल पर अपलोड करना होगा. कई मौकों पर ऐसा देखने को मिला है कि कागजातों को देखकर ये पता नहीं चलता था कि उन्हें असल में जारी किसने किया है. यही वजह है कि ये नई व्यवस्था बनाई जा रही है जिसके जरिए ईमानदार टैक्सपेयर्स को परेशानी का सामना न करना पड़े।