2 अक्टूबर को प्रसारित हुए केबीसी के खास एपिसोड की शुरुआत अमिताभ बच्चन ने 'गांधी को अगर समझना है तो खुद गांधी बनकर देखो' कविता के साथ की. केबीसी के इस खास एपिसोड में भारत के कर्मवीरों ने एंट्री की। हिंदुस्तान के अलावा कई अलग देशों में भी स्वच्छता की मुहिम छेड़ चुके डॉ. बिंदेश्वर पाठक आज के एपिसोड में कर्मवीर के रूप में हॉटसीट पर बैठे। उनके अलावा एक और मेहमान के तौर पर आशीष सिंह भी केबीसी के स्टेज पर पहुंचे। आशीष ने महज 6 महीने में इंदौर का कई सौ मीट्रिक टन कूड़ा उठवाया और सबसे स्वच्छ शहर बना दिया था। आशीष ने डॉ. बिंदेश्वर पाठक के साथ मिलकर काफी सालों से काम किया है । खास बात ये है कि बिंदेश्वर पाठक ने सुलभ इंटरनेशनल मिशन की शुरुआत भी की है।
फ़ोटो सोर्स: सोनी टीवी
डॉ पाठक ने बताई प्रेशर से निजात पाने की अनोखी तकनीक
डॉ पाठक ने इसके अलावा एक बेहद दिलचस्प तरीके के सहारे ये भी बताया कि अगर इमरजेंसी स्थिति आ गई हो और आपको लगी हो और आसपास कोई भी पब्लिक टॉयलेट मौजूद ना हो तो इस एक तकनीक के सहारे आप टॉयलेट को रोक सकते हैं. उन्होंने कहा कि अपने बाएं हाथ में सबसे छोटी उंगली की तरफ से अपने हाथों को एक्यूपंचर के तरीके से दबाने की कोशिश करें और एंटी क्लॉक वाइस दिशा में चलते हुए एक स्कवॉयर को पूरा करते हुए पूरी हथेली को कवर कर लें। इससे प्रेशर में काफी फर्क पड़ेगा।
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गौरतलब है कि अमिताभ ने शो के दौरान इस तकनीक की प्रैक्टिस की. उन्होंने इस तकनीक को दर्शकों के साथ भी साझा किया. इससे पहले उत्तर प्रदेश में जन्मीं अमला रुइया कर्मवीर के तौर पर पहुंची थीं. वे राजस्थान के 518 से ज्यादा गांवों की किस्मत बदल चुकी हैं. अमला को 1999, 2000 और 2003 के सूखे और अकाल ने झंकझोर कर रख दिया था जिसके बाद उन्होंने 'आकार चैरिटेबल ट्रस्ट' की स्थापना की. अमला ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से ढेरों चेक डैम बनाए जिन्होंने 2 लाख से ज्यादा लोगों की पानी की समस्या हल कर दी. अमला एक अखबार में खबर पढ़ने के बाद राजस्थान पहुंची थीं।