उपायुक्त मंडी ने दिए प्रैस कल्ब सुंदरनगर के चुनावो की जांच के आदेश, सदस्यो ने लगााया था गैर संवैधानिक तरीके से चुनाव करवाने का आरोप
सहयोगी, सुंदरनगर : उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने सुंदरनगर प्रैस कल्ब के नाम पर हाल ही में करवाए गए चुनावों के संबध में जांच के आदेश दिए है। उन्होने यह आदेश उपमंडलाधिकारी सुंदरनगर को जारी करते हुए मामलें की रिर्पोट पेश करने को कहा है। उपायुक्त मंडी ने सुंदरनगर प्रैस कल्ब की चुनावों की जांच के आदेश पत्रकार अश्वनी सैनी , वरिष्ट पत्रकार वेद शर्मा, भीम सिंह परदेसी, महेश चंद्र शर्मा, लीलीधर शर्मा सहित कुछ अन्य पत्रकारो की उस शिकायत पर दिए है जिसमें आरोप लगाया गया था कि सुंदरनगर प्रैस कल्ब सुसाईटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्ट्रड होने के बावजुद इसके चुनाव गैर संवैधानिक तरीके से पुनः करवाए गए।आरोप है कि सुंदरनगर के पत्रकार बलविंदर सोढ़ी, सुरेंदर शर्मा , अदीप सोनी द्वारा गत 18 अगस्त 2019 को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाऊस सुंदरनगर में 11 बजे रजिस्टर्ड प्रेस क्लब सुदरनगर के नाम पर पुन: फर्जी चुनाव करने की साजिश करते हुए दूसरे पत्रकारो को गुमराह किया गया जबकि प्रेस क्लब सुंदरनगर के पूर्व में 2015 में हुए चुनाव को भी जिलाधीश मण्डी की अदालत द्वारा अवैध घोषित किया गया था और इस सन्दर्भ में जिलाधीश मण्डी द्वारा एसडीएम सुंदरनगर को पुन: निष्पक्ष चुनाव करवाने के निर्देश दिए गए थे लेकिन एसडीएम द्वारा चुनाव करवाने के लिए आयोजित बैठक में तथाक्तिथ पत्रकार नदारद रहे।
अब इनके द्वारा दुबारा कुर्सी पर काबिज होने और अपने स्वार्थ साधने के मकसद से सविधान की अनदेखी कर एक बार फिर अवैध तरीके से चुनाव करवाए गए और इन असवैधानिक चुनावो पर रोक लगाने के लिए पहले ही एसडीएम व पुलिस प्रसाशन को लिखित सूचित करते हुए अवैध चुनावो पर तुरन्त प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश पुलिस, प्रसाशन को दिए जाने और जिलाधीश मण्डी की अदालत की अवेहलना करने के लिए आयोजको की प्रेस क्लब की सदस्य्ता समाप्त किए जाने के साथ खिलाफ क़ानूनी कार्रवाही भी की मांग की थी।
उपायुक्त ने 2015 के चुनाव भी किए है अवैध घोषित
वर्ष 2015 में भी सक्रिय पत्रकारो को सूचित किए बिना और मिलीभगत के चलते 21 जुलाई को अवैध चुनाव करवाए गए थे। वही इससे पुर्व समाचार पत्रो में 15 अगस्त को चुनाव करवाए जाने की जानकारी थी। वही अपने निजी फायदे के लिए पुर्व प्रधान बलविंद्र सोढी ने इन चुनावो में स्वय को महासचिव के पद पर भी काबिज करने के साथ प्रैस कल्ब के मुल संविधान के साथ छेड़-छाड़ करते हुए बिना किसी मंजुरी के एक वर्ष के कार्यकाल को तीन वर्ष कर दिया गया। याचिकाकर्ताओ का यह भी आरोप था कि कुछ पत्रकार जो कि गैर पत्रकारिता के उददेश्य से सलिप्त रहते है और अपने निजी स्वार्थो के लिए लगातार प्रैस कल्ब के उदेदश्य व मीटिगो को पिछले कई वर्षो से दरकिनार करते आ रहे है। जिसका याचिकाकर्ता विरोध करते थे जिसके चलते उन्हे जानबुझ कर सुचित नही किया गया। यह जानकारी देते हुए याचिकाकर्ताओ के वरिश्ट अधिकक्ता (मंडी) जानकी दास डोगरा ने बताया कि इससे पुर्व भी याचिकाकर्ताओ ने उपमंडलाधिकारी सुंदरनगर राजीव कुमार से मिल कर उन्हे मामले की पुरी जानकारी देते हुए तथाकथित प्रेस कल्ब संबधित पुरी चुनाव प्रक्रिया व लेखे जोखे की जानकारी मांगी थी लेकिन स्वयभु प्रैस कल्ब के पदाधिकारियो द्वारा उपल्बध करवाई गई आधी-अधुरी जानकारी मे भारी अनियमताए पाए जाने पर अब उपायुक्त मंडी की अदालत मे याचिका दायर कर मामलें की जाच करने की मांग की गई थी।