शिमला : हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक में पिछली सरकार के कार्यकाल में हुई भर्तियों की जांच पूरी करने में विजिलेंस के हाथ अभी तक खड़े हैं। हालांकि करीब दो साल से विजिलेंस की टीम जांच में जुटी हुई है, लेकिन अभी तक कोई भी रिकार्ड हाथ नहीं लग पाया। वीरभद्र सिंह सरकार के कार्यकाल में राज्य सहकारी बैंक में हुई भर्तियों से जुड़े मामले पर भाजपा चार्जशीट के आधार पर शुरू हुई प्रारंभिक जांच गति नहीं पकड़ पा रही है। बैंक में हुई क्लर्कों की भर्ती से जुड़ी परीक्षा का रिकार्ड ही नष्ट हो चुका है। ऐसे में मामले की जांच में जुटी विजिलेंस के समक्ष नया पेंच फंस गया है।
सूत्रों के अनुसार जिस साल बैंक में भर्तियों की प्रक्रिया पूरी हुई, उसके एक साल बाद शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा का रिकार्ड नष्ट कर दिया था। बताया गया कि पूर्व की वीरभद्र सरकार के कार्यकाल में चार बार राज्य सहकारी बैंक में भर्तियां हुई थीं। इसकी परीक्षा हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड धर्मशाला द्वारा ली गई थी। हालांकि उससे पहले ऐसी परीक्षाएं आईबीपीएस मुंबई द्वारा ली जाती थीं। विपक्ष में रहते भाजपा ने पूर्व सरकार पर परीक्षा में कम अंक वालों को साक्षात्कार में अधिक अंकों के साथ गलत तरीके से नौकरी देने का आरोप लगाया था।