कांगड़ा: कसौली लिटफेस्ट को लेकर पूर्व सांसद शांता कुमार द्वारा दिए गए बयान से उपजे विवाद के बाद अब शांता कुमार ने स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया है। शांता कुमार कसौली में साहित्यकार खुशवंत सिंह के कार्यक्रम के संबंध में दिए गए उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया है। वहीं, पुतला फूंकने की घटना पर उन्होंने कहा कि धारणा के अनुसार, जिसका पुतला फूंका जाता है, उसकी आयु बढ़ जाती है। उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें देश की सेवा करने का और समय मिला जाए, तो उनके लिए सौभाग्य ही होगा। शांता कुमार ने कहा कि यदि वह उन्हें एक हिंदू नहीं समझते, तो उन्हें ज्यादा कुछ भी नहीं कहना है। बस इतना ही कहना है कि जीवन के इस अंतिम मोड़ पर उन्हें किसी से भी हिंदू होने का प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता नहीं है।