सुंदरनगर: (जीवन) प्राकृतिक उत्पाद गुच्छी मिलने का क्रम जारी है । अभी हाल ही में भोजपुर बाजार में रमेश सैनी के आँगन में काफी मात्रा मे गुच्छी पाई गई थी।अब यहा से 3 किलोमीटर दूर बीबीएमबी कॉलोनी में तिरलोक सिंह व हरजीत कौर सोढ़ी के घर उनकी फुलवाड़ी में गुच्छी का भंडार मिला है।यह जानकारी देते हुए बताया कि तिरलोक ने बताया कि शाम के वक्त उन्हें यह दिखाई दी थी अगले दिन जब शिवानी व लता संग इसकी खोज शुरू की तो तकरीबन आधा किलो गुच्छी एकत्रित की ।
बीबीएमबी कॉलोनी में मिली गुच्छी को दिखाते सोढ़ी परिवार
उन्हीने बताया कि नजदीक वन विभाग के रिसर्च सेंटर में डीएफओ तिलक से इसकी जांच करवाई तो उन्होंने गुच्छी होने की पुष्टि करते हुए बताया कि यह मोरकेला प्रजाति फफूंद है और इसका वानस्पतिक नाम मोरकुला एसक्युलेटा है। अमूनन गुच्छी समुद्र तल से 15 सो मीटर व इससे ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है ।गुच्छी स्वाद में बेजोड़ और कई औषधियों गुणों से भरपूर होती है। गुच्छी चंबा, कुल्लू, मंडी, शिमला जिलो सहित विभिन्न जिलों में पाई जाती है।गुच्छी ऊंचे पहाड़ी इलाके के घने जंगलों में कुदरती रूप से पाई जाती है। जंगलों के अंधाधुंध कटान के कारण यह अब काफी कम मात्रा में मिलती है। यह सबसे महंगी सब्जी है। इसका बाजार मूल्य 10 हजार से 60 हजार प्रति किलो तक है।