शिमला : हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की सेवा शर्तों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। हिमाचल प्रदेश भर्ती और सरकारी कर्मचारियों की सेवा की शर्तें अधिनियम, 2024 (2025 का अधिनियम संख्या 23) को 19 फरवरी, 2025 से प्रदेश में लागू कर दिया गया है। इसके तहत अब विभिन्न केन्द्रीय सिविल सेवा नियमों और हिमाचल प्रदेश सिविल सेवा नियमों के अंतर्गत मिलने वाले सेवा लाभ सिर्फ नियमित कर्मचारियों को ही मिलेंगे। इनमें वरिष्ठता, वेतन वृद्धि और पदोन्नति जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
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अनुबंध सेवा के आधार पर नहीं मिलेगा लाभ
शिक्षा विभाग ने भी सभी जिलों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। खासकर ताज मोहम्मद बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य और सीडब्ल्यूपी संख्या 629/2023 के तहत तय किए गए मामलों में सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 12 दिसम्बर, 2003 के बाद नियमित हुए कर्मचारी अपनी अनुबंध सेवा अवधि के लिए किसी भी तरह के अतिरिक्त लाभ के हकदार नहीं होंगे।
अनुबंध सेवा का मिला लाभ होगा वापस
सरकार ने यह भी निर्देश दिए हैं कि यदि किसी व्यक्ति को अनुबंध सेवा अवधि के लिए वरिष्ठता, वेतन वृद्धि या पदोन्नति जैसी सुविधाएं दी गई हैं, तो उन्हें तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाएगा।
कर्मचारियों में हलचल, सरकार के रुख पर नजर
इस नए फैसले से प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों में हलचल मच गई है। खासतौर पर वे कर्मचारी, जो अनुबंध पर काम करने के बाद नियमित हुए हैं, इस फैसले से प्रभावित होंगे। वहीं, सरकार का कहना है कि यह कदम सेवा नियमों में स्पष्टता लाने और सरकारी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए जरूरी था। अब देखना होगा कि इस नए अधिनियम के खिलाफ कोई कानूनी चुनौती आती है या कर्मचारी संगठन इस पर कोई रुख अपनाते हैं।
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