हिंदी ENGLISH E-Paper Download App Contact us Wednesday | November 05, 2025
हिमाचल: ऑनलाइन ठगी का बड़ा मामला: शिमला में 38 लाख रुपए की चपत, पुलिस जांच में जुटी - पढ़ें पूरी खबर       आज का राशिफल 5 नवंबर 2025: मिथुन राशि वालों को मिलेगी गुड न्यूज, सिंह पर रहेगा भाग्य का साथ, जानें बाकी राशियों का हाल       हिमाचल में बारिश-बर्फबारी का अलर्ट: शिमला-मनाली में बढ़ी ठंड, 3 शहरों का पारा माइनस में - पढ़ें पूरी खबर..       हिमाचल की साक्षी कोमर ने वायु सेना में बनाई पहचान, फाइटर कंट्रोलर पद पर चयनित, देश में हासिल किया 15वां रैंक - पढ़ें पूरी खबर..       साप्ताहिक राशिफल: "4 से 10 नवंबर 2025 तक सभी 12 राशियों के लिए स्नेह, सफलता और समृद्धि से भरपूर साप्ताहिक राशिफल"       सस्ते गोल्ड के झांसे में बड़ा धोखा: श्री मंगलम ज्वैलर्स ने किया खुलासा, सोने के भीतर निकली लोहे की तार - पढ़े पूरी खबर       शिमला: कुसुम्पटी में सरकारी भवन में आग का तांडव, राहत और बचाव कार्य जारी - पढ़ें पूरी खबर       हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र 26 नवम्बर से 5 दिसम्बर तक धर्मशाला तपोवन में - अब तक का सबसे बड़ा सत्र, होंगी 8 बैठकें - पढ़ें विस्तार से..       विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने दी गुरू नानक देव जयंती की बधाई, कहा - उनके उपदेश आज भी मानवता के लिए प्रेरणा स्रोत; पढ़ें विस्तार से..       🌟 4 नवम्बर 2025 राशिफल: चतुर्दशी के शुभ योग में आज इन राशियों पर बरसेगी माँ लक्ष्मी की कृपा — जानिए आपका दिन कैसा रहेगा 💫      

पंचांग

आज का पंचांग: 13 फरबरी 2020; जानिए आज का शुभमुहूर्त

February 13, 2020 06:32 AM

हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग (panchang) का श्रवण करते थे ।

जानिए गुरुवार का पंचांग

*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है । *वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है। * नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है। * योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है । *करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है । इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

गुरुवार का पंचांग

बृहस्पतिवार, 13 फरवरी , 2020

विष्णु पूजन मंत्र :

शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम। लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म ।वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकैकनाथम।।

।। आज का दिन मंगलमय हो ।।

दिन (वार) - गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)

गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए । गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।

*विक्रम संवत् 2076 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य *शक संवत - 1941 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - शरद ऋतु *मास - फाल्गुन माह *पक्ष - कृष्ण पक्ष

तिथि (Tithi)- पञ्चमी - 20:46 तक तदुपरांत षष्ठी

तिथि का स्वामी - पञ्चमी तिथि के स्वामी सर्पदेव(नाग ) जी है तदुपरांत षष्ठी तिथि के स्वामी कार्तिकेय जी है

पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन नाग देव की पूजा करने से भय तथा कालसर्प दोष दूर होता है। पंचमी को नाग देवता का पूजन करने से घर में किसी की भी सांप काटने से मृत्यु नहीं होती है और अगर सांप काटने से किसी की मृत्यु हो भी गयी हो तो उसे मुक्ति मिलती है, जातक को निर्भयता प्राप्त होती है । पंचमी तिथि को पूर्णा भी कहते है। इस तिथि में कोई भी नया कार्य शुरू करने से उसमे सफलता मिलने की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है वह कार्य बहुत लम्बे समय तक चलते है । लेकिन पौष माह की पंचमी को कोई भी नया कार्य नहीं करना चाहिए । शास्त्रों में पंचमी तिथि को कटहल, बिल्ब, और खटाई खाने को मना किया गया है ।

नक्षत्र (Nakshatra)- हस्त - 09:25 तक तदुपरांत चित्रा

नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- हस्त नक्षत्र के देवता रवि है तदुपरांत चित्रा नक्षत्र के देवता विश्वकर्मा है ।

योग(Yog) - शूल - 20:03 तक गण्ड

प्रथम करण : - कौलव - 10:09 तक

द्वितीय करण : - तैतिल - 20:46 तक

गुलिक काल : - बृहस्पतिवार को शुभ गुलिक दिन 9:00 से 10:30 तक ।

दिशाशूल (Dishashool)- बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।

राहुकाल (Rahukaal)-दिन - 1:30 से 3:00 तक।

सूर्योदय - प्रातः 07:04

सूर्यास्त - सायं 18:06

विशेष - पंचमी को बिल्व का सेवन नही करना चाहिए ।

मुहूर्त (Muhurt) - पंचमी तिथि समस्त शुभ कार्यों के लिए उत्तम है परंतु इस दिन ऋण कतई नहीं देना चाहिए।

"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचाग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

दोस्तों यह साईट बिलकुल निशुल्क है। यदि आपको इस साईट से कुछ भी लाभ प्राप्त हुआ हो, आपको इस साईट के कंटेंट पसंद आते हो तो मदद स्वरुप आप इस साईट पर विजिट करते रहे ।

Have something to say? Post your comment

पंचांग में और

आज का पंचांग: 8 सितम्बर 2025;-पितृपक्ष आरंभ, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और आज का उपाय

आज का पंचांग : 7 सितम्बर 2025; पूर्णिमा, सत्यनारायण व्रत और चंद्र ग्रहण का विशेष संयोग, जानिए आज का शुभ मुहूर्त व राहुकाल का समय..

आज का पंचांग : 6 सितंबर 2025; जानिए आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय..

शुक्रवार का पंचांग: 5 सितंबर 2025; तिथि, शुभ मुहूर्त, नक्षत्र, राहुकाल का समय जानने के लिए पढ़ें आज का पंचांग

आज का पंचांग - 04 सितम्बर 2025 (गुरुवार): जानिए आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय..

आज का पंचांग : रविवार, 31 अगस्त 2025: जानिए आज का शुभ मुहूर्त व राहुकाल का समय..

आज का पंचांग: 29 अगस्त 2025 (शुक्रवार); जानिए आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय..

ऋषि पंचमी व्रत आज, जानें 28 अगस्त 2025 का पंचांग, शुभ मुहूर्त, राहुकाल और पूजा का उपाय

आज का पंचांग: 22 अगस्त 2025; पिठोरी अमावस्या आज, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त, राहुकाल, ग्रहस्थिति और विशेष उपाय

आज का पंचांग : 16 अगस्त 2025; जानिए आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय..