इस्लामाबाद: कहा जाता है कि हर देश की एक सेना होती है, लेकिन यह बात पाकिस्तान पर लागू नहीं होती है। पाकिस्तान दुनिया के ऐसे कुछ देशों में शुमार है, जिसकी सेना के पास एक देश है। पाकिस्तान के शीर्ष कारोबारियों के साथ वहां के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ एक लंबी और गोपनीय बैठक हुई। इस बैठक के बाद यह बात फिर साबित हो गई कि पाकिस्तान में सेना ही सब कुछ है। सेना के आगे वहां किसी लोकतांत्रिक संस्थाओं का कोई वश नहीं चलता। सेना जो चाहे करे उसके फैसलों पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। उधर, इस पर सिटी बैंक के पूर्व अधिकारी, लेखक और बैंकर यूसुफ नजर ने कहा कि यह तख्तापलट करने का नर्म तरीका है, इसके अलावा कुछ नहीं। सिटी बैंक के पूर्व अफसर यूसुफ ने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में दखल है। सेना का काम देश की हिफाजत से आगे नहीं होना चाहिए। पाकिस्तान पहले ही कई बार सैन्य शासन से गुजर चुका है। बाजवा का नया कदम तख्तापलट की तरफ उठाया गया नर्म कदम है। इससे ज्यादा कुछ नहीं। इसके बेहद गंभीर परिणाम होंगे।