शिमला: प्याज के बाद टमाटर की कीमतों में आग लगी है। नवरात्रि में 30 से 40 रुपए किलो मिलने वाले टमाटर की कीमतें दोगुनी हो गई हैं। हालांकि सरकार ने प्याज की महंगाई पर एक्सपोर्ट बंद कर तो लगाम लगा दिया, लेकिन अब टमाटर के दाम बेकाबू हैं।
बीते 10 दिन में प्रदेश की राजधानी शिमला में टमाटर का दाम डेढ़ गुना बढ़ गया है जबकि एक पखवारे में टमाटर का भाव दोगुने से भी ज्यादा हो गया है। लोगों को एक किलो टमाटर के लिए 80 रुपये से ज्यादा भाव चुकाना पड़ रहा है, जबकि एक पखवारे पहले शिमला में टमाटर 30-40 रुपये किलो मिल रहा था।
निर्यात पर रोक
प्याज के दाम को काबू करने के लिए सरकार ने जब से इसके निर्यात पर रोक लगाई है और थोक-खुदरा कारोबारियों के लिए स्टॉक की सीमा तय की है, तब से प्याज का भाव गिरा है।
बारिश से टमाटर को नुकसान
कारोबारियों ने बताया कि मानसून सीजन के आखिर में देशभर में हुई भारी बारिश के कारण टमाटर की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है।
गौरतलब है कि शिमला में पैट्रोल और प्याज के दामों पछाड़ कर टमाटर आम जनता की पहुंच से बाहर होता जा रहा है। टमाटर के दाम में बीते 4 दिन में दोगुना इजाफा हुआ है। बीते सप्ताह 30 से 40 रूपये प्रतिकिलो बिकने वाला टमाटर 80 रुपये प्रतिकिलो मिल रहा है। प्रदेश में अधिकतर सब्जियां महंगी होने से आम जनमानस को महंगाई सताने लगी है।
सरकार महंगाई रोकने में नाकाम, जनता परेशान
शिमला के सब्जी मंडी सब्जी खरदीने आए उपभोक्ताओं ने कहा कि अब महंगाई का आलम यह है कि किलो की बजाये अब ग्राम में सब्जियां खरीदनी पड़ रही है। उपभोक्ताओं का कहना कि एक तरफ त्योहार का सीजन दूसरी तरफ महंगी सब्जियां कैसे घर परिवार को चलाएं। गृहणियां का आरोप है कि सरकार महंगाई को लेकर गंभीर नहीं है।
महंगाई पर रोक लगाने के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रहा है। लोगों को महंगी सब्जियां खरदीने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि खाद्य सामग्री की जमाखोरी करने से दाम बढ़े हैं। बड़े व्यापारी जानबूझ कर जमाखोरी कर रहे है और केंद्र और प्रदेश सरकार मूक दर्शक बनी हुई है।