हिमाचल: कांग्रेस के 6 बागी विधायकों को बड़ा झटका, विधानसभा में नही मिलेगी एंट्री, अब दोबारा लड़ना पड़ेगा चुनाव ! अदालत ने स्पीकर को नोटिस जारी कर किया जवाबतलब, 6 मई तक उपचुनाव प्रक्रिया पर भी लगी रोक, हिमाचल में सरकार को लेकर जयराम ठाकुर का बड़ा बयान, पढ़ें पूरी खबर .. विस्तार से..
शिमला: (HD News); हिमाचल कांग्रेस के 6 बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के इन बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इन विधायकों की अयोग्यता पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई तक हिमाचल में विधानसभा उप चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल विधानसभा स्पीकर और सेक्रेटरी को नोटिस देकर 14 दिन में जवाब मांगा है। इतना ही नहीं खाली हुई सीट पर उपचुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग को भी नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई 6 मई को होगी।
इन सभी विधायकों ने हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट पर 27 फरवरी को हुए चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में वोट किया था। जिसके बाद हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने गुरुवार (29 फरवरी) को बागी विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी।
बता दे कि स्पीकर ने चैतन्य शर्मा, सुधीर शर्मा, आई डी लखनपाल, देवेंद्र भुट्टो, राजेंद्र राणा और रवि ठाकुर को बजट पास होने के दौरान सदन में न आने के चलते अयोग्य ठहराया था। कोर्ट ने विधायकों को सदन के अंदर वोट देने या कार्यवाही में शामिल होने की इजाज़त देने से इंकार कर दिया है। बागी विधायकों की ओर से वकील हरीश साल्वे कोर्ट में मौजूद रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें व्हिप नहीं मिली और चुनाव में क्रास वोटिंग हुई। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इसपर रोक लगाने के लिए भी कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
जस्टिस संजीब खन्ना ने हरीश साल्वे की इस मांग पर जवाब देते हुए कहा कि हम स्पीकर के आदेश पर रोक नहीं लगा सकते हैं। यह संभव नहीं हैं लेकिन हम याचिका पर नोटिस जारी कर सकते हैं। जहां तक उपचुनाव का सवाल है वो हम देखेंगे की उसका क्या करना है। लेकिन हम आपको वोट देने और विधान सभा का हिस्सा बनने की अनुमति नहीं देंगे।
इस मामले में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच में सोमवार को सुनवाई हुई। कांग्रेस के बागी विधायकों की पैरवी वकील हरिश साल्वे ने की। वहीं दूसरी तरफ से अभिषेक मुन सिंघवी ने पैरवी की। बागियों के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट में कहा कि हम चाहते हैं कि छह सीटों पर उपचुनाव नहीं होने चाहिए। हम इस पर भी रोक की मांग कर रहे हैं।
अब 6 मई को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 6 मई की तारीख तय की और बागी विधायकों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 1 सप्ताह का समय दिया। वहीं देखा जाए तो प्रदेश में विधानसभा की 6 रिक्त सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 7 मई को शुरू होनी है। ऐसे में अब 6 मई को होने वाली सुनवाई पर सभी की नजरें रहेंगी। देखा जाए तो 6 विधायकों की अयोग्यता के बाद सदन में सदस्यों की संख्या 68 से घटकर 62 रह गई जबकि कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 से कम होकर 34 रह गई।
जयराम ठाकुर का बड़ा बयान
देशभर में लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होंगे। हिमाचल प्रदेश में 4 लोकसभा सीटें हैं और सभी पर एक जून यानी आखिरी चरण में वोटिंग होगी। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने सभी 6 विधानसभा सीटों पर एक जून को ही उपचुनाव कराने का ऐलान किया है। इसको लेकर बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बड़ा बयान दिया है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जहां एक तरफ तीसरी बार केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है, वहीं, 4 जून को हिमाचल प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार बनेगी। जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार अब भी अल्पमत में है।