फिल्मी दुनिया में भले ही अपने एक्टिंग के दम पर कंगना रनौत बॉलीवुड की क्वीन रही हो, लेकिन राजनीति में कदम जमाने के लिए उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। एक ओर जहां मंडी से टिकट मिलने से विपक्ष उन पर हमलावर है वहीं, अपने ही पार्टी के कई नाराज नेता भी उनकी मुश्किल बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी कई विरोधी कंगना रनौत को निशाना बना रहे हैं। वहीं कंगना रनौत और मंडी से कांग्रेस सम्भावित लोकसभा प्रत्याशी व मौजूदा लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। कंगना रनौत ने इशारों इशारों में विक्रमादित्य को छोटा पप्पू कहा है। कंगना ने कहा कि एक बड़ा पप्पू दिल्ली में बैठा है, छोटा पप्पू हिमाचल में है। कंगना रनौत के इस बयान से हिमाचल में सियासी हलचल तेज हो गई है। हिमाचल युवा कांग्रेस प्रदेश सचिव शशिकांत ने कंगना रनौत के इस बयान पर कडी़ प्रतिक्रिया व्यक्त की है, पढ़ें पूरी खबर..
रील और रियल लाइफ में होता है बड़ा अंतर, कंगना रनौत को मर्यादित शब्दों का करें चयन, विक्रमादित्य सिंह है हिमाचल के जननायक : शशिकांत शर्मा
अर्की : (HD News); देशभर में 19 अप्रैल से लोकसभा की कुल 543 सीटों के लिए पहले चरण का चुनाव होने जा रहा है। चुनाव प्रचार में मुद्दों की राजनीति से ज्यादा व्यक्तिगत कटाक्ष से सियासत का चुनावी माहौल गर्म हो चुका है। हिमाचल की मंडी लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान मनाली में कंगना रनौत ने विक्रमादित्य सिंह को छोटा पप्पू और पलटूबाज कहा है।
कंगना रनौत के इस बयान से हिमाचल में सियासी हलचल तेज हो गई है। हिमाचल युवा कांग्रेस प्रदेश सचिव शशिकांत ने कंगना रनौत के इस बयान पर कडी़ प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कंगना रनौत को मर्यादित शब्दों का चयन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य सिंह एक जननायक है, रियल और रील नेता में अंतर होता है। शशिकांत ने कंगना को नसीहत दी कि उनका अपनी जन्मभूमि मंडी के लिए क्या योगदान रहा है, इसकी चर्चा जनता में करें। उन्हें अपने और दूसरों के सम्मान का ध्यान रखकर बयानबाजी करनी चाहिए।
वहीं मंडी संसदीय सीट से कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह ने कंगना के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि भगवान श्रीराम कंगना को सदबुद्धि दें। वह मुंबई में क्या खाती और पीती है इससे जनता का कोई सरोकार नहीं है। मंडी और प्रदेश के लिए अपने विजन पर अगर वह अपनी बात रखेगी तो सभी के लिए बेहतर होगा।
भगवान राम कंगना को जल्द सदबुद्धि दें'
वहीं, अब कंगना पर पर पलटवार करते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भगवान राम उन्हें जल्द सदबुद्धि दें। वह क्या खाती हैं और मुंबई में क्या पीती हैं। हिमाचल की जनता को इससे कुछ लेना देना नहीं है। न ही यह हिमाचल के मुद्दे हैं। खाने पीने के बजाय कंगना मुद्दों पर बात करें तो बेहतर रहेगा। उन्होंने कहा, कंगना ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, खास तौर पर हमारे कांग्रेस, हिमाचल प्रदेश के लिए, उसके लिए मैं उन्हें कोटि कोटि प्रणाम करता हूं। आजतक ऐसी भाषा का इस्तेमाल हिमाचल में नहीं हुआ होगा।
पप्पू तक कैसे पहुंची ये लड़ाई ?
दरअसल, पिछले हफ्ते हिमाचल के मंत्री और कांग्रेस नेता विक्रमादित्य ने कंगना रनौत को कैंडिडेट बनाने पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा था कि हिमाचल देवी देवताओं का पवित्र स्थल है देवभूमि है जहां गो मांस का सेवन करने वाले चुनाव लड़ रहे हैं यह हमारी संस्कृति के लिए चिंता का विषय है जिसका राजनीति से कोई सरोकार नहीं है। इसके लिए विक्रमादित्य ने कंगना रनौत के 5 साल पुराने पोस्ट का हवाला दिया जिसमें कंगना ने लिखा था कि बीफ और दूसरा कोई मीट खाने में कोई बुराई नहीं है।
कंगना के खिलाफ ताल ठोकेंगे विक्रमादित्य
आपको बता दें कि बीजेपी ने मंडी सीट से कंगना रनौत को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं, प्रतिभा सिंह के मैदान से हटने के बाद कांग्रेस पार्टी विक्रमादित्य सिंह को यहां से उम्मीदवार बना सकती हैं। बताया जा रहा है कि इसे लेकर कांग्रेस आलाकमान और विक्रमादित्य सिंह में बातचीत चल रही है क्योंकि विक्रमादित्य सिंह अभी हिमाचल सरकार में मंत्री हैं और वो शर्तों के साथ चुनाव लड़ना चाहते हैं। लेकिन इस बीच कंगना रनौत और विक्रमादित्य सिंह के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।
गौरतलब है कि हिमाचल में 01 जून को लोकसभा की चार सीटों के अलावा विधानसभा की 6 सीटों के लिए भी उप चुनाव होंगे।