शिमला जल प्रबंधन निगम के 24 घंटे शहर में पानी देने के दावे पूरी तरह हवा हो गए हैं। हिमाचल की राजधानी शिमला में पानी का संकट गर्माना शुरू हो गया है। हर साल गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी के लो प्रेशर की दिक्कत शुरू हो जाती है। जबकि शहरवासियों को स्मार्ट सिटी के तहत पिछले दो साल से 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू करने का सपना दिखाया गया है। राजधानी में पानी की किल्लत दूर करने के लिए कांग्रेस और भाजपा अपने-अपने कार्यकाल में फेल रही है। पर्यटन के लिहाज से यह पीक सीजन चल रहा है और इस तरह की दिक्कत होने की वजह से व्यापार पर भी खासा प्रभाव देखने को मिल सकता है। पढ़ें पूरी खबर..
शिमला: (HD News); शहर में पानी की सप्लाई का शेड्यूल गड़बड़ा गया है। पूरे शहर के लोगों को जहां हर रोज पानी की सप्लाई देने का दावा किया था और संजौली जोन जो 24 घंटे पेयजल स्पलाई का मॉनिटरिंग जोन बनाया गया है। वहां पर भी अब तीसरे दिन ही पानी मिल रहा है। संजौली जोन में 24 घंटे पानी की योजना से जुड़े करीब 1500 उपभोक्ताओं को भी अब हफ्ते में छह दिन पानी मिलेगा। पेयजल कंपनी ने इस क्षेत्र की आपूर्ति में कट लगा दिया है। अब बाकी शहर की तरह इस डेमो जोन में भी छह दिन ही पानी दिया जाएगा। शहरवासियों को 24 घंटे पानी देने की योजना के तहत इस क्षेत्र को कंपनी ने डेमो जोन बनाया है।
यहां 1500 उपभोक्ताओं को नई पेयजल लाइनों से जोड़ा है। इसके साथ ही इनमें नए मीटर भी लगाए हैं। पिछले कई हफ्ते से पेयजल कंपनी इस जोन में नियमित आपूर्ति दे रही थी, लेकिन कोटी बरांडी परियोजना से पानी की आपूर्ति घटने के बाद शहर में पेयजल आपूर्ति का शेड्यूल गड़बड़ा गया था। खलीणी, पंथाघाटी और कुसुम्पटी जैसे कई वार्डों तीसरे दिन पानी मिल रहा था। लोग और पार्षद सवाल उठा रहे थे कि संजौली में 24 घंटे पानी दिया जा रहा है जबकि उनके वार्डों में तीसरे दिन आपूर्ति दी जा रही है। इसके बाद कंपनी ने नया पेयजल शेड्यूल बनाया है जिसमें हफ्ते में छह दिन सभी को पानी दिया जा रहा है। संजौली के डैमो जोन को भी इस शेड्यूल में ही शामिल किया है। कंपनी का दावा है कि अगले कुछ दिन में परियोजनाओं से आपूर्ति बढऩे पर इस क्षेत्र में दोबारा 24 घंटे पानी की आपूर्ति सुनिश्चिेत की जाएगी।
आज शहर को पानी देने वाली सभी पेयजल स्कीम से मिला पानी
गुम्मा 17.83
गिरि 17.56
चुरोट 2.48
सेओग 0.46
चेयर 0.62
कोटि ब्रांडी 2.20
कुल 41.15 एमएलडी पानी मिला है। जो पर्याप्त नहीं है। शहर को रोजाना पानी देने के लिए करीब 45 एमएलडी पानी की जरूरत रहती है।
पंचायती क्षेत्रों को मिल रहा 5वें दिन पानी
शहर से सटी पंचायतों को भी इन दिनों पांचवें दिन ही पानी की सप्लाई मिल रही है। शहर से सटी कुछ पंचायतों को शिमला जल प्रबंधन निगम ही पानी दे रहा है। लेकिन उसकी सप्लाई का जिम्मा जल शक्ति विभाग के पास ही है। ऐसे में कंपनी का दावा है कि पंचायती क्षेत्रों को 60 एमएलडी पानी की जरूरत रहती है जो हर रोज दिया जा रहा है। बावजूद इसके भी पंचायती क्षेत्रों में पांचवे दिन ही पानी की सप्लाई मिल रही है। पिछले हफ्ते पंचायती क्षेत्र के लोगों को दस से 15 दिन बाद पानी की सप्लाई मिल रही थी लेकिन अब पांचवें दिन पानी की सप्लाई मिल रही है। वहीं पंचायती क्षेत्र के लोगों का कहना है कि जब बिल पूरा लिया जाता है तो पानी भी हर रोज दिया जाना चाहिए।
इन दिनों कई परियोजनओं से पानी की सप्लाई बहुत कम हुई है। पूरे शहर को रोजाना पानी देने के लिए करीब 45 एमएलडी पानी की जरूरत रहती है, लेकिन इन दिनों 42 एमएलडी पानी मिल रहा है, लेकिन शहर में पानी की पूरी सप्लाई दी जा रही है। वहीं, पंचायती क्षेत्रों को 60 एमएलडी पानी की जरूरत रहती है और पंचायती क्षेत्रों को रोजाना 60 एमएलडी पानी दिया जा रहा है।