शिमला: हिमाचल के 91 तहसीलों में वर्मिन घोषित किए गए बंदरों को मारने की मियाद 14 फरवरी को खत्म हो रही है. इसके बाद बंदरों को नहीं मारा जा सकेगा. इससे पहले प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष यह मामला फिर से उठा दिया है. वन विभाग ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर बंदरों को मारने की छूट बढ़ाने की मांग की है. अब केंद्र सरकार पर निर्भर करेगा कि वह वर्मिन घोषित तहसीलों में बंदरों को मारने के लिए अवधि बढ़ाती है या नहीं. अगर केंद्र सरकार ने यह अवधि नहीं बढ़ाई तो 14 फरवरी के बाद बंदरों को मारना गैर कानूनी होगा और पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी. वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि अभी संबंधित केंद्रीय मंत्री किसी सेमीनार के लिए देश से बाहर हैं. ऐसे में मंत्री के स्वदेश वापस लौटते ही यह विषय उनके ध्यान में लाया जाएगा. फिलहाल प्रदेश ने केंद्र को पत्र लिख दिया है और उम्मीद है कि छूट की अवधि बढ़ा दी जाएगी.
गौरतलब है कि सरकार ने पहले भी एक बार अवधि बढ़ाने की मांग की थी. उस वक्त भी एक साल से ज्यादा समय के लिए बंदरों को मारने की अवधि बढ़ाई गई थी. हालांकि उस वक्त प्रदेश में रिकॉर्ड के तहत केवल एक ही बंदर मारा गया था. इस बार भी यह संख्या ज्यादा नहीं है. वर्मिन घोषित क्षेत्रों में बंदरों को सारे मापदंडों को दरकिनार कर मारने की परमिशन है, क्योंकि हिमाचल में बंदर जहां आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं तो फसलों को भी उजाड़ देते हैं. लाहौल स्पीति को छोड़कर सभी बंदरों की जद में हैं.