आप सभी को नवरात्री के पहले दिन की हार्दिक शुभकामनाएं।
हिन्दू पंचाग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए रविवार का पंचांग रविवार का पंचांग
रविवार, 29 सितम्बर, 2019
भगवान सूर्य जी का मंत्र : ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) रविवार को भगवान सूर्य को प्रात: ताम्बे के बर्तन में लाल चन्दन, गुड़, और लाल पुष्प डाल कर अर्घ्य देना चाहिए, एवं आदित्यहृदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिए।
*विक्रम संवत् 2076 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य *शक संवत - 1941 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - वर्षा ऋतु *मास - आश्विन माह *पक्ष - शुक्ल पक्ष
तिथि (Tithi)- प्रतिपदा - 20:14 तक तदुपरांत द्वितीया
तिथि का स्वामी - प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि जी है तथा द्वितीया तिथि के स्वामी ब्राह्ग जी है ।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 28 सितंबर को रात 11.56 से शुरू होकर अगले दिन 29 सितंबर को रात 8.14 बजे तक रहेगी।
इस बार शरद नवरात्र में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6.16 बजे से 7.40 बजे सुबह के बीच हैं।
इसके अलावा दोपहर में 11: 46 बजे से 12.35 के बीच अभिजीत मुहूर्त में भी आप कलश स्थापना कर सकते हैं।
आज नवरात्री का प्रथम दिन है। नवरात्री के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की आरधना की जाती है। मां शैलपुत्री के चरणों में गाय का घी अर्पित करने से भक्तों आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है उनका मन एवं शरीर दोनों ही निरोगी रहता है।
आज प्रतिपदा है । प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव हैं। अग्नि देव इस पृथ्वी पर साक्षात् देवता हैं, देवताओं में सर्वप्रथम अग्निदेव की उत्पत्ति हुई थी ।
नक्षत्र (Nakshatra)- हस्त - 19:08 तक तदुपरांत चित्रा पूर्व भाद्रपद
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- हस्त नक्षत्र के देवता रवि है एवं चित्रा नक्षत्र के देवता पूषा (पूषण नाम का सूर्य ) है ।
योग(Yog) - ब्रह्म - 16:10 तक
प्रथम करण : - किंस्तुघ्न - 10:03 तक
द्वितीय करण : - बव - 20:14 तक
गुलिक काल : - अपराह्न - 3:00 से 4:30 तक ।
दिशाशूल (Dishashool)- रविवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से पान या घी खाकर जाएँ ।
राहुकाल (Rahukaal)-सायं - 4:30 से 6:00 तक ।
सूर्योदय - प्रातः 06:13
सूर्यास्त - सायं 06:09
विशेष - प्रतिपदा को कद्दू का सेवन नहीं करना चाहिए ।
मुहूर्त (Muhurt) - प्रतिपदा तिथि को विवाह, यात्रा, व्रतबंध, प्राण प्रतिष्ठा, चूड़ा कर्म, वास्तु कर्म, गृह प्रवेश आदि मंगल कार्य बिलकुल भी नहीं करने चाहिए।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।