आप सभी को छोटी दिवाली एवं नरक चतुर्दशी की हार्दिक शुभकामनाएं।
पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए शनिवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है । *वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है। * नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है। *योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है । *करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है । इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
शनिवार का पंचांग
26 अक्टूबर शनिवार 2019
शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र - ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से आयु का नाश होता है । अत: शनिवार को बाल और दाढ़ी दोनों को ही नहीं कटवाना चाहिए
शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का चतुर्मुखी दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है ।
शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की एक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है ।
*विक्रम संवत् 2076 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य*शक संवत - 1941 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - शरद ऋतु *मास - कार्तिक माह *पक्ष - कृष्ण पक्ष
तिथि (Tithi)- त्रयोदशी - 15:46 तक तदुपरांत चतुर्दशी
तिथि का स्वामी - त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी है तथा चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिव जी है ।
छोटी दीपावली / हनुमान जयंती के दिन किसी भी हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान जी को इत्र, गुलाब के फूल और गुड़ चने चढ़ाकर 5 बार हनुमान चालीसा का पाठ करे और हनुमान जी को अपनी मनोकामना कहें। इस उपाय को करने से बजरंग बलि की कृपा मिलती है, सभी संकट दूर होते है, शुभ समय आता है। इस उपाय को इसके बाद ऐसा लगातार 7 मंगलवार तक करते रहे।
त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव हैं। कामदेव प्रेम के देवता माने जाते है । पौराणिक कथाओं के अनुसार कामदेव, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के पुत्र माने गए हैं। उनका विवाह प्रेम और आकर्षण की देवी रति से हुआ है।
नक्षत्र (Nakshatra)- हस्त - 27 अक्टूबर 05:50 तक तदुपरांत चित्रा
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- हस्त नक्षत्र के देवता रवि है तदुपरांत चित्रा नक्षत्र के देवता विश्वकर्मा है ।
योग(Yog) - वैधृति - 27 अक्टूबर 02:07 तक विष्कम्भ
प्रथम करण : - वणिज - 15:46 तक
द्वितीय करण : - विष्टि - 27 अक्टूबर 02:04 तक
गुलिक काल : - शनिवार को शुभ गुलिक प्रातः 6 से 7:30 बजे तक ।
दिशाशूल (Dishashool)- शनिवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से अदरक खाकर, घी खाकर जाएँ ।
राहुकाल (Rahukaal)-सुबह - 9:00 से 10:30 तक।
सूर्योदय - प्रातः 06:31A.M
सूर्यास्त - सायं 05:38 P.M
विशेष - त्रयोदशी को बैंगन नहीं खाना चाहिए। (त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र को कष्ट मिलता है और पुत्र की तरफ से भी दुःख प्राप्त होता है ।
पर्व त्यौहार- छोटी दिवाली / नरक चतुर्दशी
मुहूर्त (Muhurt) - त्रयोदशी तिथि को राज संबंधी कार्य ( सरकारी कार्य ), व्रतबंध, प्रतिष्ठा, विवाह, यात्रा, भूषणादि के लिए शुभ होते हैं।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।