हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं : 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए मंगलवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है । *वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है। * नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है। * योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है । *करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए । मंगलवार का पंचांग
29 अक्टूबर , मंगलवार 2019
हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) - मंगलवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए । मंगलवार को बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है।
*विक्रम संवत् 2076 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य *शक संवत - 1941 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - शरद ऋतु *मास - कार्तिक माह *पक्ष - शुक्ल पक्ष
तिथि (Tithi)- द्वितीया - 30 अक्टूबर 03:33 तक तदुपरांत तृतीया
तिथि का स्वामी - द्वितीया तिथि के स्वामी ब्रह्मा जी है तथा तृतीया तिथि के स्वामी कुबेर जी जी है ।
भाई दूज के दिन बहनो को अपने भाइयों को शुभ मुहूर्त में टीका लगाकर उनके सुख सौभाग्य एवं दीर्घ आयु के लिए ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए
द्वितीया तिथि दूज कहते है । इस तिथि के स्वामी ब्रह्मा जी हैं। व्यासलिखित पुराणों के अनुसार ब्रह्मा जी के चार मुख हैं, जो चार दिशाओं में देखते हैं।ब्रह्मा को स्वयंभू (अर्थात स्वयं जन्म लेने वाला) और समस्त चार वेदों का निर्माता भी कहा गया है। इनकी पत्नी का नाम सावित्री और कला , संगीत , ज्ञान और विद्या की देवी माँ सरस्वती भगवान ब्रह्मा की पुत्री हैं। प्रजापति का व्रत प्रजापति द्वितीया को ही किया जाता है । इनका वाहन हंस है। द्वितीया तिथि को किसी भी कार्य की शुरुआत से पहले ब्रहाण्ड के सृष्टिकर्ता भगवान बह्मा जी का स्मरण करने से कार्यो में सफलता मिलती है।
नक्षत्र (Nakshatra)- विशाखा - 23:12 तक तदुपरांत अनुराधा
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी-
योग(Yog) - आयुष्मान् - 15:04 तक
प्रथम करण : - बालव - 16:56 तक
द्वितीय करण : - कौलव - 30 23 अक्टूबर 03:48+ तक
गुलिक काल : - दोपहर 12:00 से 01:30 तक है ।
दिशाशूल - मंगलवार को उत्तर दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से गुड़ खाकर जाएँ ।
राहुकाल - दिन - 3:00 से 4:30 तक।
सूर्योदय - प्रातः 06:33
सूर्यास्त - सायं 17:35
विशेष- द्वितीया को बैंगन और नींबू नहीं खाना चाहिए।
पर्व त्यौहार- भैया दूज
मुहूर्त (Muhurt) - द्वितीया तिथि को राज संबंधी कार्य ( सरकारी कार्य ), व्रतबंध, प्रतिष्ठा, विवाह, यात्रा, भूषणादि के लिए शुभ होते हैं।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।