हिमाचल में अब बैंक भी सुरक्षित नहीं! राज्य सहकारी बैंक के सर्वर में घुसकर साइबर ठगों ने दिनदहाड़े 11.55 करोड़ रुपये की बड़ी सेंध लगा दी। यह हमला बैंक की डिजिटल सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह साइबर ठगी बैंक के 'हिम पैसा' मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए की गई, जहां ठगों ने एक ग्राहक का मोबाइल हैक कर सिस्टम तक पहुंच बनाई। पढ़ें पूरी खबर..
शिमला : (HD News); हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक पर साइबर अपराधियों ने बड़ा हमला करते हुए बैंक के सर्वर को हैक कर 11.55 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि निकाल ली। यह घटना 11 और 12 मई को घटित हुई, जिसकी जानकारी 14 मई को आरबीआई की रिपोर्ट के बाद बैंक प्रबंधन को लगी।
बैंक के अधिकारियों के अनुसार, साइबर ठगों ने चंबा जिले के हटली शाखा के एक ग्राहक का मोबाइल फोन हैक कर ‘हिम पैसा’ एप्लिकेशन में घुसपैठ की और वहां से बैंक के सर्वर तक पहुंच बना ली। इसके बाद ठगों ने इस राशि को 20 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया।
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छुट्टी बनी देरी का कारण
13 मई को सार्वजनिक अवकाश होने के कारण आरबीआई की दैनिक रिपोर्ट बैंक को नहीं मिल सकी, जिससे इस ठगी का पता नहीं चल पाया। जैसे ही 14 मई को रिपोर्ट प्राप्त हुई, बैंक प्रबंधन में हड़कंप मच गया और तुरंत शिमला के थाना सदर में इसकी शिकायत दर्ज करवाई गई।
राशि होल्ड, ग्राहक निधि सुरक्षित
बैंक के प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा ने जानकारी दी कि ग्राहकों की जमा राशि पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि साइबर ठगों द्वारा जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए थे, उन सभी खातों को तुरंत होल्ड कर दिया गया है। बैंक ने इस तरह की धोखाधड़ी से निपटने के लिए साइबर इंश्योरेंस भी लिया हुआ है, जिससे नुकसान की भरपाई संभव होगी।
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CERT-IN और साइबर क्राइम टीम करेगी जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे साइबर थाना शिमला को ट्रांसफर कर दिया गया है। साथ ही, भारत सरकार की सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली एजेंसी CERT-IN की विशेषज्ञ टीम शनिवार को दिल्ली से शिमला पहुंचकर बैंक के डेटा सेंटर में जांच करेगी। टीम यह पता लगाएगी कि हिम पैसा एप के माध्यम से सर्वर तक पहुंच कैसे बनी और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति कैसे रोकी जा सकती है।
बैंक जल्द करेगा तकनीकी अपग्रेड
प्रबंध निदेशक ने बताया कि बैंक अपनी साइबर सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है और जल्द ही देश के अग्रणी बैंकिंग सॉफ्टवेयर फिनेकल-10 पर शिफ्ट किया जाएगा, जो देश के प्रमुख बैंक उपयोग करते हैं।
गौरतलब है कि यह साइबर हमला न केवल हिमाचल के बैंकिंग सिस्टम की कमजोरियों को उजागर करता है, बल्कि पूरे प्रदेश की डिजिटल सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लगाता है। जिस तरह से अपराधियों ने तकनीक का दुरुपयोग कर करोड़ों की रकम पार कर दी, वह आने वाले समय में और भी बड़ी साजिशों का संकेत हो सकता है। हालांकि बैंक प्रबंधन और जांच एजेंसियों की तत्परता से राहत की बात है कि ट्रांसफर की गई राशि को होल्ड कर लिया गया है, लेकिन यह घटना चेतावनी है कि यदि डिजिटल ढांचे को अब भी सुरक्षित नहीं किया गया, तो अगला निशाना कोई और बैंक, संस्था या आम नागरिक हो सकता है। अब समय आ गया है कि साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए, नहीं तो ‘ऑनलाइन डाका’ आम बात बन जाएगी।
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