ऑकलैंड हाउस स्कूल फॉर बॉयज़, शिमला ने अपनी वार्षिक प्रदर्शनी “वर्ल्ड विदिन वर्ड्स” के जरिए साहित्य और कल्पनाशीलता को जीवंत कर दिया। विद्यार्थियों ने कहानियों, नाटकों, कठपुतली शो, डायोरामा और इंटरैक्टिव गतिविधियों के माध्यम से ऐसा माहौल बनाया, जिसने दर्शकों को रचनात्मकता और कल्पना की अद्भुत यात्रा पर ले जाया।
शिमला : (HD News); ऑकलैंड हाउस स्कूल फॉर बॉयज़ ने अपनी वार्षिक प्रदर्शनी “वर्ल्ड विदिन वर्ड्स” का आयोजन किया, जिसने साहित्य, कल्पनाशीलता और रचनात्मकता का अनूठा उत्सव रच दिया। यह प्रदर्शनी साधारण आयोजन न होकर एक ऐसे अद्भुत लोक की यात्रा साबित हुई, जहां कहानियां, पात्र और विचार जीवंत होकर सामने आए।
विद्यार्थियों ने अपने शानदार मंचन से सभी का मन मोह लिया। प्यासा कौआ, हम्प्टी-डम्प्टी, किंग माइडाज़ का गोल्डन टच, ऐलिस इन वंडरलैंड और गुलिवर ट्रैवल्स जैसी कहानियों के नाट्य मंचन ने दर्शकों को साहित्य की जादुई दुनिया में पहुंचा दिया। तेनालीराम पर आधारित कठपुतली नाटक ने बुद्धिमत्ता और हास्य का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया, वहीं मालगुड़ी डेज़ ने यह दिखाया कि साहित्यिक पात्र पर्दे पर और भी जीवंत हो जाते हैं।
हैरी पॉटर से प्रेरित कॉमिक स्ट्रिप्स, द डायरी ऑफ अ यंग गर्ल और लेटर्स फ्रॉम वॉर के मंचन ने मानवता, अस्तित्व और युद्ध की निरर्थकता पर गहन संदेश दिया। वहीं, रामायण के अशोक वाटिका दृश्य ने विद्यार्थियों को भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जड़ों से जोड़ा।
प्रदर्शनी में लगाए गए आकर्षक डायोरामा ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। बारीकी और कल्पनाशीलता से सजे ये मॉडल्स साहित्य और कल्पना की दुनिया का जीवंत अनुभव करवा रहे थे। साथ ही, पज़ल कॉर्नर, स्टोरी सीक्वेंस चैलेंज और लेखक-रचना मिलान जैसे इंटरैक्टिव सेगमेंट्स ने शिक्षा और मनोरंजन का बेहतरीन संगम प्रस्तुत किया।
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मुख्य अतिथि श्री एस. एन. जोशी ने विद्यार्थियों और शिक्षकों की मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रदर्शनी “कल्पनाशीलता की अद्भुत यात्रा है और केवल एक साधारण प्रदर्शन नहीं।”
इस आयोजन की विशेषता रही कि शिमला के अन्य विद्यालयों जैसे लॉरेटो कॉन्वेंट, लॉरिएट पब्लिक स्कूल और सेंट बेड्स कॉलेज के विद्यार्थी भी प्रदर्शनी का हिस्सा बने। इससे यह कार्यक्रम रचनात्मकता और विचारों के आदान-प्रदान का मंच बन गया।
ऑकलैंड हाउस स्कूल फॉर बॉयज़ की वार्षिक प्रदर्शनी “वर्ल्ड विदिन वर्ड्स” केवल एक कार्यक्रम नहीं बल्कि साहित्य, संस्कृति और रचनात्मकता का ऐसा संगम रही जिसने विद्यार्थियों, शिक्षकों और आगंतुकों सभी के दिलों को छू लिया। इस आयोजन ने साबित किया कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं, बल्कि कल्पना और नवाचार के साथ एक नई दुनिया गढ़ने का माध्यम भी है।