हिमाचल के कुल्लू में इंटरनेशनल दशहरा उत्सव मे 24 से अधिक देवी-देवताओं को बैठने के लिए स्थान नहीं मिल पा रहा है। इस मामले को लेकर बंजार विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेंद्र शौरी और कुल्लू के तहसीलदार के बीच बहसबाजी हो गई। गुस्साए देव समाज के लोगों ने इस दौरान मुर्दाबाद के नारे लगाए। पढ़ें विस्तार से..
अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में विराजमान हुए कुछ देवी-देवताओं के देव टैंटों को प्रशासन ने उठाए दिए है, जिससे देवता व देवताओं के कारकून, हारियान आहत हो गए हैं। वहीं, प्रशासन की इस तरह के देव संस्कृति को ठेस पहुंचाए जाने वाले कार्य को लेकर देवलू आक्रोशित हो गए हैं। देवलुओं के समर्थन में बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी आगे आए हैं। वहीं, विधायक देवलुओं के साथ इस मुद्दे को लेकर उपायुक्त के दरबार पहुंचे हैं। वहीं, विधायक ने सरकार, प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय दशहरा कमेटी के अध्यक्ष को चेताया है कि यदि उन्हें उसी स्थान पर बैठने नहीं दिया गया, तो गुरुवार को उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। विधायक ने यह भी कहा कि प्रशासन की टीम देवी-देवताओं के टैंटों को उखाडऩे के लिए जूते के साथ टैंटों में घुस गए।
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वहीं, उन्होंने कहा कि तहसीलदार इस मुद्दे को लेकर फोन किया गया और उपायुक्त कार्यालय के पास आने के लिए कहा, लेकिन तहसीलदार ने उन्हें यह कहा कि यह सरकार का ऑर्डर है और फोन काट दिया। उनके खिलाफ जन प्रतिनिधि होने के नाते विशेषाधिकार का प्रस्ताव विधानसभा के अंदर लाया जाएगा। विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि यह देवी-देवता पूर्व स्थान पर बैठे थे। एडीएम कुल्लू अश्वनी कुमार ने बताया कि बिना निमंत्रण वाले देवी-देवताओं को सरवरी नेहरू पार्क में स्थान दिया गया है। कारदार संघ के साथ हुई बैठक में भी यह ही निर्णय लिया गया था कि बिना निमंत्रण वाले देवी-देवताओं को सरवरी में जगह दी जाएगी।
इनके टैंट उखाड़े
प्रशासन ने दशहरा उत्सव में विराजमान हुए पांचवीर सुचैहण, असर सुचैहण, देवता दतेंश्वर गलून, देवता शांघड़ी गलून, देवता जहल कुथाची, देवता पांचवीर कंठी, देवता शांघड़ी दन्धधार, देवता मार्कंडेय लाहुंड और देवता खोडूनाग चनाहिड़ी, देवता विष्णु नोग के टैंटों को उखाड़ दिया। इसके बाद देवता भी काफी नाराज हुए हैं।
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