कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक ने बेल्वेदरे होटल लोन विवाद पर बड़ा खुलासा किया है। बैंक ने स्पष्ट किया कि 2013 से 2016 के बीच स्वीकृत 18.55 करोड़ रुपये के टर्म लोन और सीसी खातों को वन टाइम सेटलमेंट (OTS) स्कीम 2024 के तहत निपटाया गया है। इस प्रक्रिया में 21.70 करोड़ रुपये की रिकवरी की गई जबकि 24.21 करोड़ रुपये का ब्याज माफ किया गया। बैंक ने कहा कि पूरी कार्यवाही आरबीआई और बैंक की नीतियों के अनुसार की गई है।
धर्मशाला: कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक ने R.S. Belvedre होटल लोन मामले को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। बैंक के अनुसार वर्ष 2013 से 2016 के बीच होटल और उससे जुड़े कुल 6 खातों में 18.55 करोड़ रुपये का टर्म लोन व सीसी लिमिट स्वीकृत की गई थी, जो बाद में एनपीए घोषित हो गए। इसके अतिरिक्त आर.एस. कंस्ट्रक्शन के नाम पर 5 करोड़ रुपये की सीसी लिमिट भी एनपीए में चली गई।
बैंक ने रिकवरी के लिए सरफेसी कानून के तहत कार्रवाई करते हुए होटल का सांकेतिक कब्जा (Symbolic Possession) लिया और Section 13(4) के तहत आगे की कार्यवाही शुरू की। इसके बाद उधारकर्ता ने बैंक की वन टाइम सेटलमेंट (OTS) स्कीम 2024 में आवेदन किया, जिसे बैंक ने अपनी नीतियों के अनुसार स्वीकृत कर लिया।
(ADVT1)
उधारकर्ता को 90 दिनों में भुगतान करना था और अतिरिक्त 2 माह की मोहलत भी दी गई। इस अवधि में उधारकर्ता ने पूरा भुगतान कर दिया। बैंक ने बताया कि खातों को 21.70 करोड़ रुपये में सेटल किया गया, जबकि 24.21 करोड़ रुपये का ब्याज माफ किया गया।
बैंक का कहना है कि यह प्रक्रिया आरबीआई के नियमों और बैंक की नीतियों के अनुरूप थी और इसे बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (BOD) ने भी मंजूरी दी थी। बैंक ने बताया कि अब तक 217 खातों को OTS के तहत बंद किया जा चुका है, जिनमें कुल 29.16 करोड़ रुपये का सेटलमेंट किया गया।
बैंक ने यह भी स्पष्ट किया कि उधारकर्ता द्वारा पहले DRT चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में दायर मामले भी खारिज हो चुके हैं।
कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक ने बेल्वेदरे होटल लोन मामले पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि पूरी कार्यवाही पारदर्शी ढंग से और नियमों के अनुसार की गई है।