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Yes Bank Crisis: महीनों पहले लंदन भाग गए थे राणा कपूर, मोदी सरकार ने यूं लालच देकर बुलाया

March 08, 2020 08:00 PM

 मुंबई: यस बैंक  के संस्थापक राणा कपूर पर ईडी का शिकंजा कसने के बाद अब वह सीबीआई की गिरफ्त में हैं. ईडी का आरोप है कि कपूर ने कंपनियों को लोन देने के एवज में लिए करीब 600 करोड़ की रिश्वत ली. फिलहाल मुंबई की एक कोर्ट ने उन्हें तीन दिनों की रिमांड पर भेज दिया है. पिछले साल जनवरी में उन्हें रिजर्व बैंक  के आदेश पर चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर का पद छोड़ना पड़ा था. इसके बाद कपूर लंदन चले गए थे. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जब उन्हें पता था कि बैंक में कई तरह की गड़बड़ियां हुई हैं तो फिर वह भारत कैसे वापस आ गए. उनकी भारत वापसी आसान नहीं थी. मोदी सरकार और आरबीआई ने इसके लिए पूरा प्लान तैयार किया था।

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बैंक में वापसी करना चाहते थे कपूर

अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक राणा कपूर के हटने के बाद सरकार ने डूबते यस बैंक को बचाने का प्लान तैयार किया. सरकार चाहती थी कि जनता का भरोसा बैंक पर बना रहे. लिहाजा सरकार और आरबीआई ने नए निवेशकों की तलाश शुरू कर दी. अखबार का दावा है कि पिछले आठ महीनों में आरबीआई की तीन अलग-अलग निवेशकों से बात हुई, लेकिन हर बार आखिरी मौके पर डील होते-होते रह जाती थी. पता चला की खुद राणा कपूर निवेशकों को भड़का रहे थे. दरअसल कपूर चाहते थे कि फिर से उनकी बैंक में वापसी हो. लंदन में बैठे कपूर के हर कदम पर सरकार की नजर थी।

राणा को भारत लाने का प्लान

अखबार ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि है कि इसके बाद मोदी सरकार ने राणा को भारत वापस लाने के लिए प्लान तैयार किया. कहा जा रहा है कि सरकार ने राणा को बताया कि उन्हें बैंक के लिए कोई नया निवेशक नहीं मिल रहा है. ऐसे में वह चाहे तो भारत वापस आकर एक बार फिर से बैंक की कमान ले सकते हैं. लेकिन जैसे ही वो भारत वापस आए सारी एजेंसियों ने उन्हें घेरने का पूरा प्लान तैयार कर लिया. ये सुनिश्चित किया गया कि वो भारत से दोबारा भाग न सके।

फिर से भागने की तैयारी में थे कपूर

इस बीच राणा कपूर को इस बात की भनक लग गई कि सरकार और आरबीआई ने यस बैंक को खड़ा करने का प्लान तैयार किया है. ऐसे में एक बार फिर से कपूर देश छोड़ने की तैयारी करने लगे. अखबार के मुताबिक, मुंबई के जिस पॉश बिल्डिंग में कपूर रहते थे वहां के गार्ड ने इसकी जानकारी जांच एजेंसियों को दे दी।

प्लान के साथ गिरफ्तारी

14 मार्च को बैंक की बोर्ड मीटिंग होनी थी. इसी दिन बैंक के क्वाटरली नतीजे भी आने थे. खराब नतीजों से देश की इकॉनमी पर बुरा असर पड़ता. सरकार के अंदरखाने इस बात पर बहस चल रही थी कि आखिर राणा कपूर को कब गिरफ्तार किया जाए. उनकी पहले गिरफ्तारी से बैंक के ग्राहकों में अश्विास का माहौल बन जाता. लिहाजा सरकार ने यस बैंक को फिर से खड़ा करने का ऐलान करते ही राणा कपूर को गिरफ्तार कर लिया।

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