भारत सरकार ने प्रशासनिक कुशलता और बेदाग छवि के लिए विख्यात पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमित कश्यप को हिमाचल प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर (GST) अपीलीय न्यायाधिकरण की शिमला स्थित राज्य पीठ का सदस्य नियुक्त किया है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय चयन समिति की सिफारिश और केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद हुई यह नियुक्ति आगामी चार वर्षों के लिए प्रभावी होगी। सेना से लेकर भारतीय प्रशासनिक सेवा तक का लंबा अनुभव रखने वाले कश्यप की इस नई भूमिका से प्रदेश में कर विवादों के त्वरित निपटारे और कर प्रशासन में पारदर्शिता को और अधिक मजबूती मिलने की उम्मीद है। पढ़ें पूरी खबर..
शिमला : (HD News); हिमाचल प्रदेश के जाने-माने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और पूर्व आईएएस अमित कश्यप को भारत सरकार ने एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए शिमला स्थित वस्तु एवं सेवा कर (GST) अपीलीय न्यायाधिकरण की राज्य पीठ का सदस्य नियुक्त किया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति की हरी झंडी मिलने के बाद भारत सरकार द्वारा इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिए गए हैं। उनकी यह नियुक्ति चार वर्षों की अवधि के लिए प्रभावी होगी, जो राज्य में कर संबंधी कानूनी प्रक्रियाओं को नई दिशा प्रदान करेगी।
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उच्च स्तरीय चयन प्रक्रिया से हुआ चुनाव
अमित कश्यप का इस महत्वपूर्ण पद के लिए चयन एक बेहद पारदर्शी और उच्च स्तरीय प्रक्रिया के माध्यम से हुआ है। चयन समिति ने गहन साक्षात्कार के बाद उनके नाम पर मुहर लगाई, जिसकी अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश ने की। न्यायिक और प्रशासनिक तालमेल के साथ गठित इस न्यायाधिकरण में अमित कश्यप की नियुक्ति को उनकी कानून और प्रशासन पर पकड़ का परिणाम माना जा रहा है।
करदाताओं को मिलेगा त्वरित न्याय और पारदर्शिता
GST अधिनियम के तहत राष्ट्रीय स्तर पर नई दिल्ली में मुख्य न्यायाधिकरण और राज्यों में इसकी पीठों का गठन एक ऐतिहासिक कदम है। शिमला में इस राज्य पीठ के सक्रिय होने से हिमाचल प्रदेश के करदाताओं और व्यापारियों को कर संबंधी जटिल विवादों के निपटारे के लिए अब राज्य से बाहर नहीं जाना होगा। इस न्यायाधिकरण का मुख्य उद्देश्य कर प्रशासन में जवाबदेही बढ़ाना और लंबित विवादों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना है, जिससे प्रदेश के व्यापारिक माहौल में और सुधार आएगा।
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सैन्य अनुशासन और प्रशासनिक अनुभव का संगम
अमित कश्यप का करियर सार्वजनिक सेवा के प्रति उनके समर्पण की कहानी कहता है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में आने से पहले उन्होंने भारतीय सेना में एक कमीशंड अधिकारी के रूप में देश की सुरक्षा में योगदान दिया। दिसंबर 2023 में आईएएस से सेवानिवृत्ति के दौरान उन्होंने प्रदेश के कई अहम विभागों का नेतृत्व किया। वे उपायुक्त शिमला, निदेशक उद्योग, निदेशक पर्यटन, और एचपीटीडीसी (HPTDC) के प्रबंध निदेशक जैसे प्रभावशाली पदों पर रहे। इसके अलावा, एचपीपीसीएल (HPPCL), श्रम आयुक्त और राज्य सहकारी बैंक में भी उनकी कार्यशैली की गहरी छाप रही है।
कोविड संकट में कुशल नेतृत्व और सादगीपूर्ण छवि
अपनी ईमानदारी और कर्मठता के लिए पहचाने जाने वाले अमित कश्यप ने हमेशा समाज के गरीब और जरूरतमंद वर्गों के हितों को प्राथमिकता दी है। विशेष रूप से कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान, जब वे उपायुक्त शिमला के पद पर तैनात थे, उनके द्वारा किए गए राहत कार्यों और प्रभावी प्रशासनिक प्रबंधन की पूरे प्रदेश में सराहना हुई थी। चुनौतीपूर्ण समय में भी शांत रहकर सटीक निर्णय लेने की उनकी क्षमता उन्हें अन्य अधिकारियों से अलग खड़ा करती है।
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अमित कश्यप की यह नई पारी हिमाचल प्रदेश में एक न्यायसंगत और पारदर्शी कर व्यवस्था को सुदृढ़ करने में मील का पत्थर साबित होगी। उनके लंबे प्रशासनिक अनुभव और कानूनी बारीकियों की समझ का सीधा लाभ प्रदेश के राजस्व ढांचे और आम करदाता को मिलेगा।
कुल मिलाकर, अमित कश्यप की इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति उनके दशकों लंबे बेदाग और प्रभावशाली प्रशासनिक करियर का एक नया अध्याय है। एक सैन्य अधिकारी से लेकर उपायुक्त शिमला जैसे अहम पदों तक का उनका अनुभव अब हिमाचल प्रदेश की कर प्रणाली को अधिक सुदृढ़, पारदर्शी और विवाद-मुक्त बनाने में सहायक सिद्ध होगा। शिमला में इस न्यायाधिकरण के सक्रिय होने और अमित कश्यप जैसे अनुभवी व्यक्तित्व की भागीदारी से निश्चित रूप से प्रदेश के व्यापारियों और करदाताओं को समयबद्ध न्याय की एक नई उम्मीद मिली है।
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