हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने खुद पर लगे NHAI अधिकारी के साथ मारपीट के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए NHAI पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मंत्री ने कहा कि FIR दर्ज होना दोषी होने का प्रमाण नहीं है और असली मुद्दा NHAI की लापरवाही और भ्रष्टाचार है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में बैठकर बयान देने से जमीनी सच्चाई नहीं बदलती । पढ़ें पूरी खबर...
शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने NHAI अधिकारी के साथ मारपीट के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि FIR दर्ज होने का यह मतलब नहीं होता कि कोई दोषी है। मंत्री ने पलटवार करते हुए NHAI को देश का सबसे भ्रष्ट विभाग बताया और आरोप लगाया कि NHAI व ठेकेदारों के बीच गहरा नेक्सस चल रहा है।
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अनिरुद्ध सिंह ने कहा, "NHAI हिमाचल में अवैज्ञानिक और खतरनाक तरीके से काम कर रहा है, जिससे लगातार जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है।" उन्होंने सवाल उठाया कि क्या NHAI की लापरवाही से हुए हादसों और मौतों की कोई जांच करेगा? मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि हर साल सैकड़ों घर ढह जाते हैं, लोग मारे जाते हैं, लेकिन NHAI सिर्फ मुआवजे की बात करता है।
गडकरी पर भी साधा निशाना
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पर निशाना साधते हुए अनिरुद्ध सिंह ने कहा, "दिल्ली में बैठकर बयान देने से सच्चाई नहीं बदलती। उन्हें जमीनी हकीकत की जानकारी नहीं है। मैं जल्द ही गडकरी से मुलाकात कर इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करूंगा।"
खराब इंजीनियरिंग का आरोप
मंत्री ने परवाणु से शिमला तक चल रहे फोरलेन निर्माण कार्यों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 125 फीट गहरी कटिंग की जा रही है लेकिन रिटेनिंग वॉल महज़ 8-10 फीट की बनाई जा रही है। “यह कैसी इंजीनियरिंग है?” मंत्री ने कहा कि राज्य में NHAI की वजह से भूस्खलन और भवन गिरने की घटनाएं बढ़ रही हैं और आम लोगों की जिंदगी दांव पर लगी है।
मंत्री ने जोर देते हुए कहा, “सरकारी अधिकारी तो फाइलें घुमा रहे हैं, लेकिन जिनका सब कुछ उजड़ गया, वे कहां जाएं?”
मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने NHAI को देश का सबसे भ्रष्ट विभाग बताते हुए फोरलेन निर्माण में गंभीर तकनीकी खामियों की ओर ध्यान दिलाया है। उन्होंने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है और कहा कि NHAI की लापरवाही से जानमाल की जो हानि हो रही है, उसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। यह बयान प्रदेश में राजनीति के साथ-साथ प्रशासनिक कार्यशैली को लेकर भी बहस को जन्म दे रहा है।