हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट ने हिमाचल सरकार व लोगों के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार को कोरोना संक्रमण के बढ़ने के लिए जिम्मेवार बताया, पढ़े पूरी खबर विस्तार से..(ADVT1)
शिमला: हिमाचल में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मामलों के बाद प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सख्त निर्देश जारी किए हैं। हालांकि कोर्ट ने कहा कि अकेले सरकार ही कोरोना के बढ़ते मामले के लिए जिम्मेवार है, लोगों का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार भी इसके लिए जिम्मेवार है।
न्यायधीश त्रिलोक सिंह चौहान व ज्योत्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार को ये आदेश दिए हैं कि कोविड समर्पित अस्पतालों में अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर कोविड वार्डों का नियमित दौरा करें इसकी व्यवस्था की जाए। राज्य में बाहर से आने वाले हर व्यक्ति का कोरोना टेस्ट किया जाना अनिवार्य किया जाए। कोरोना के काम में लगे कर्मचारी किसी भी तरह से हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे। (ADVT2)
उनके धरने प्रदर्शन पर हर तरह की रोक रहेगी। यदि उन्हें कोई शिकायत हैं तो वे कोर्ट मित्र के माध्यम से कोर्ट को बता सकेंगे। उन्हें वित्तीय लाभ देने से लेकर उनकी बेहतर डाइट की व्यवस्था राज्य सरकार को करनी होगी। आउटसोर्स पर लगे क्लास थ्री व फोर के कर्मचारियों को भी कोरोना में सेवाएं देने के लिए अतिरिक्त वित्तीय लाभ देने की व्यवस्था की जाए। इसके बावजूद यदि कोई कर्मचारी धरने या प्रदर्शन पर जाता है तो सरकार उसकी सेवाएं बर्खास्त करें। उसके खिलाफ कोर्ट में अवमानना का मामला भी चलेगा। कोई कंपनी ऐसा करती है तो कंपनी के साथ किए करार को रद्द किया जाए। (ADVT3)
राज्य सरकार अपने सरकारी कर्मचारियों के आफिस आने व जाने के समय में बदलाव करें। सड़कों से लेकर आफिसों के गेट में भीड़ कम हो, इसलिए कुछ कर्मचारियों को सुबह 9.30 तो कुछ को दस बजे बुलाया जाए। इसी तरह से उनकी छुट्टी का समय में 4.30 बजे और पांच बजे अलग अलग हो। राज्य सरकार ने जिन कर्मचारियों को आउटसोर्स पर भरने की बात कहीं हैं, उनकी भर्ती पांच दिसंबर तक पूरी जाए।
इस मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को तय की गई है। टेस्टिंग के लिए निजी लैब व कर्मचारियों को करें शामिल
कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा कि राज्य में कोरोना के टेस्ट को बढ़ाने के लिए निजी लैब व इनके कर्मचारियों की मदद ली जाए। जो भी व्यक्ति टेस्ट करवाने के लिए आ रहे हैं। उनके मोबाइल नंबर, ई मेल या वाट्सएप लिया जाए। 48 घंटे से ज्यादा की देरी टेस्ट की रिपोर्ट में स्वीकार्य नहीं होगी।(ADVT4)
राज्य के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि पुलिस बल को अनावश्यक छुट्टियां न ही जाए। कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन हो, इसके लिए बटालियन से अतिरिक्त पुलिस जवानों को मुहैया करवाया जाए।
हाई कोर्ट की ओर से सरकार को ये भी दिए निर्देश
- सभी कोविड समर्पित अस्पतालों में आक्सीजन टैंकर मुहैया करवाने की संभावनाएं तलाशे।
- शिमला, धर्मशाला, कुल्लू, मंडी, सोलन, ऊना, हमीरपुर में टेस्ट लेने के लिए क्योस्क का प्रचार करें-हर कोविड केंद्र पर हैल्पलाइन जारी करें, इससे संक्रमित से परिजन से बात कर सकेंगे।
- मरीजों को सामर्थय के हिसाब से निजी नर्स हायर करने की सुविधा दी जाए।
- कोरोना वार्ड में मरीजों का सामने मृतक के शव को रैप न किया जाए।
- कोविड वार्ड के शौचालय से लेकर अन्य तरह की सफाई का ध्यान रखा जाए।
- मरीजों को गर्म पानी की बोतले, स्टीमर और एक्सटेंशन बोर्ड मुहैया करवाए।
- मास्क पहनने, शारीरिक दूरी बनाए रखने का काम स्थानीय निकाय व लोग भी करें।
- समाज से किसी व्यक्ति का तिरस्कार महज परिवार में किसी के कोरोना संक्रमित होने पर न किया जाए।
- मेजिस्ट्रेट की मंजूरी के बाद किसी भी तरह के कार्यक्रम न हो, इसमें नियमों का पूरा पालन हो, इस पर पंचायती राज के पदाधिकारी भी ध्यान रखे।
- आवश्यक सेवाओं में लगे लोग नियमों का पालन करें, इनके टेस्ट भी रूटीन में हो।
- घर में रह रहे मरीजों को गुणवत्ता युक्त दवा व किट मुहैया करवाई जाए।
अस्पतालों में हर सुविधा से लैस रोगी वाहन मुहैया करवाए जाए, कोविड सेवाएं दे रहे कर्मचारियों के खाने का भी ध्यान रखे।10 दिसंबर को सुनवाई होगी।