आज का राशिफल 16 नवंबर 2025: जानें आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा रविवार का दिन – करियर, प्रेम, धन और स्वास्थ्य पर विशेष ज्योतिषीय विश्लेषण       आज का राशिफल 15 नवंबर 2025: ग्रहों की चाल से बदलेगा आपका दिन, जानें सभी 12 राशियों का विस्तृत भविष्यफल       जीएसएसएस करयाली में वार्षिक पारितोषिक एवं बाल दिवस समारोह धूमधाम से आयोजित, मुख्य अतिथि हरि कृष्ण हिमराल ने छात्रों को किया सम्मानित       सोने की कीमतों को क्या होने वाला है ? 2026 के अनुमान ने बाजार में मचाई सनसनी - 10 ग्राम का भाव तोड़ेगा सभी रिकॉर्ड, आखिर क्यों चढ़ रहे हैं सोने के दाम ? पढ़ें पूरी रिपोर्ट       आज का राशिफल: 14 नवंबर 2025; 12 राशियों का विस्तृत दैनिक भविष्यफल पढ़ें       शिमला लक्कड़ बाजार में हरे पेड़ों की कटान पर भड़की जनता, प्रशासन और वन विभाग पर गंभीर सवाल—पढ़ें पूरी खबर.       नगर निगम कर्मियों से बदसलूकी बर्दाश्त नहीं: पुलिस में शिकायत दर्ज - अतिक्रमण रोकना कोर्ट की अवहेलना - मेयर सुरेंद्र चौहान       आज का राशिफल: जानें 12 राशियों का पूरा भविष्यफल, करियर, स्वास्थ्य और संबंधों पर सटीक भविष्यवाणी       हिमाचल में भाजपा पाँच गुटों में बंटी - CM सुक्खू बोले, “भाजपा ने लोकतंत्र और जनभावनाओं को खरीदने की कोशिश की” - पढ़ें पूरी खबर..       आज 12 नवंबर 2025: सोना-चांदी के भाव में हल्की तेजी, जानिए आपके शहर में कितने पहुंच गए दाम -      

हिमाचल | चंबा

कृषि विज्ञान केंद्र चंबा में शहद उत्पादन व मधु मखियों के पालन में लगे उद्यमियों के लिये एक दिन का शिविर आयोजित

March 23, 2023 08:19 PM

चंबा , 23 मार्च ( स्वर्ण दीपक रैणा ); जिला चंबा को राजाओं के समय से ही दूध व शहद उत्पादन के लिये जाना जाता है। चुराह में सबसे अधिक शहद का उत्पादन हुआ करता था। हर घर में परंपरागत बाक्स दीवारों के अंदर लगाए जाते थे। जो आज भी देखने को मिलते हैं। अंदर रहने से मखियों को गरमाहट मिलती थी। देसी मखियाँ बहुत मेहनती होती हैं। हर प्रकार के मौसम में काम करने की क्षमता इनमें होती है।

समय के साथ लोगों ने नये घरों का निर्माण किया उनमें यह सुविधा नहीं रखी। जिस कारण चंबा में शहद का उत्पादन कम हुआ। भरमौर , चंबा की सिलघरात में भी शहद का उत्पादन हुआ करता था आज भी होता है।

अब डॉक्टर यशवंत सिंह परमार औद्यानिक एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी सोलन व कृषि विज्ञान केंद्र चंबा इस कार्य को पुनर्जीवित करने के कार्य में लगा हुआ है। हालांकि हिमाचल प्रदेश हॉर्टिकल्चर विभाग व भारतीय स्टेट बैंक भी लोगों को प्रशिक्षण देता है। उनको सहायता उपलब्ध करवाता है।

कृषि विज्ञान केंद्र में उच्च स्तर के विषय विशेषज्ञों को बुलाया जाता है। चंबा में 23 मार्च को मधु मखी पालकों के लिये ही लगाया गया। जिसमें डॉक्टर किरण राणा ने सब लोगों से परिचय किया। उनसे जानकारी ली उनको किस प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। तत्पश्चात उन्होंने ऊंचे परवितीय क्षेत्रों में विज्ञान की क्या भूमिका है। बदलते परिवेश में मधु मखियों का क्या महत्व है। उनको हम किस प्रकार संरक्षण दे कर फल सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा दे सकते हैं। शहद उत्पादन से जीविका चला सकते हैं। कितने प्रकार की मखियों को हम सहेज सकते हैं।

बड़े विस्तार से डॉक्टर किरण राणा ने उत्पादकों को जानकारी दी। उन्होनें यह भी बताया कि हिमाचल में अधिक सर्दी होने के कारण हम को इन honeyhives के डिब्बों को गर्म स्थानों पर ले कर जाना ही पड़ेगा। किस प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। क्यों करना पड़ता है ? उसको किस प्रकार उत्पादक दूर कर सकते हैं। उन्होंने बताया डॉक्टर यशवंत सिंह परमार औद्यानिक एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी सोलन व कृषि विज्ञान केंद्र चंबा इसी प्रयास में लगे हैं।

चंबा , कुल्लू , किन्नौर व अन्य जिलों में शहद का उत्पादन बढ़ाया जा सके। उनको उत्पादकों ने बताया कि गत महीनों में हिमाचल में अधिक सर्दियां होने के कारण वो लोग हिमाचल के निचले क्षेत्रों में बॉक्सेस को लेकर गये। कुछ पंजाब , हरियाणा , राजस्थान तक लेकर गये हैं। जहां शहद का जो उत्पादन हो रहा है उसका उनको उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। honeybeehives के बॉक्स का मूल्य भी अधिक होता है।

डॉक्टर किरण राणा ने बताया की इस पर सब उत्पादक बागबानों को मिलकर काम करना होगा। तभी समस्या का समाधान होगा। उन्होंने बताया लोगों को अपने प्रतिदिन के खानपान में शहद का प्रयोग करना चाहिये।

एपिस मेलिफोरा जो एक विदेशी प्रजाति की उत्पादक मखही है। एक बॉक्स में 15 से 20 किलो शहद एक मौसम में आराम से दे देती है। एक साल में 30 किलो तक शहद हम को मिल सकता है। अब हमको आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर यह काम करने होंगें।

कृषि विज्ञान केंद्र चंबा के प्रभारी प्रोफेसर डॉक्टर राजीव रैणा ने भी लोगों का आवाहन किया अधिक लोग इस को अपनायें ताकि सब को अच्छा रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा हम को इसमें अधिक महिलाओं को भी शामिल करना होगा। चंबा का शहद बहुत शुद्ध होता है। यह हर्बल होता है। जंगली जड़ी बूटियों द्वारा एकत्रित किया जाता है। जो सेहत के लिये लाभदायक होता है।

इस अवसर पर डॉक्टर मंगला राम बैजया ने हनीबी hives के उत्पादकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा आप लोग उद्यमियों में हो इसलिये आप अपना एक संगठन बनाकर जिला चंबा के बेरोजगारों का मार्गदर्शन कर सकते हैं। जब हर घर हर गांव में शहद का उत्पादन होगा तो जिन लोगों को जरूरत होगी वो खुद आपके पास शहद खरीदने के लिये आयेंगें। क़्वालिटी में किसी प्रकार का समझौता न करें।

Have something to say? Post your comment

हिमाचल में और

जीएसएसएस करयाली में वार्षिक पारितोषिक एवं बाल दिवस समारोह धूमधाम से आयोजित, मुख्य अतिथि हरि कृष्ण हिमराल ने छात्रों को किया सम्मानित

शिमला लक्कड़ बाजार में हरे पेड़ों की कटान पर भड़की जनता, प्रशासन और वन विभाग पर गंभीर सवाल—पढ़ें पूरी खबर.

नगर निगम कर्मियों से बदसलूकी बर्दाश्त नहीं: पुलिस में शिकायत दर्ज - अतिक्रमण रोकना कोर्ट की अवहेलना - मेयर सुरेंद्र चौहान

हिमाचल में भाजपा पाँच गुटों में बंटी - CM सुक्खू बोले, “भाजपा ने लोकतंत्र और जनभावनाओं को खरीदने की कोशिश की” - पढ़ें पूरी खबर..

शिमला में जनवादी महिला समिति का प्रदर्शन, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर सरकार को घेरा - पढ़ें पूरी खबर

शीतकालीन सत्र के दौरान सुरक्षा में नहीं बरती जाएगी कोताही : विधानसभा अध्यक्ष ने विस भवन तथा परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिए निर्देश - पढ़ें पूरी खबर..

शिमला में सड़क किनारे मिला युवक का शव, पुराने बस स्टैंड क्षेत्र में मची सनसनी — पुलिस ने शुरू की जांच, पढ़े पूरी खबर..

वर्ल्ड कप विजेता रेणुका सिंह ठाकुर हिमाचल पहुंचीं; शिमला में उमड़ा जनसैलाब, ढोल-नगाड़ों संग मां हाटेश्वरी के किए दर्शन - पढ़ें पूरी खबर ..

दर्दनाक वारदात : आपसी झगड़े में पति ने की पत्नी की हत्या, चार साल की बच्ची के पास मिली लाश; आरोपी फरार - पढ़ें पूरी खबर..

भाजपा विधायक के घर पहुंची पुलिस, नहीं मिले हंसराज, मोबाइल बंद, जांच तेज, गिरफ्तारी की संभावना पर सस्पेंस - पढ़ें पूरी खबर