पितृ पक्ष 2024 : पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है, अपने पूर्वजों या पितरों को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित है। यह 16 दिन तक चलता है जिसमें दिवंगत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के महीने में श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है। साथ ही पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। आपको बता दें कि श्राद्ध कर्म पितरों की मृत्यु तिथि के अनुसार ही करना उचित माना जाता है। ऐसे में इस साल पितृपक्ष कब से शुरू हो रहा है और कौन सी तिथि कब पड़ रही है, ये सारी डिटेल आपको इस आर्टिकल में मिल जाएगी।
इस साल पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा यानी 17 सितंबर 2024 को शुरू हो रहा है, जो 2 अक्टूबर यानि सर्व पितृ अमावस्या को समाप्त होगा।
वैसे तो पितृपक्ष 17 सितंबर से शुरू हो रहा है, लेकिन श्राद्ध कर्म इस दिन नहीं किया जाएगा, क्योंकि इस दिन पूर्णिमा तिथि पड़ रही है जिसमें ऋषियों का तर्पण किया जाता है। श्राद्ध हमेशा प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है। ऐसे में पहला श्राद्ध 18 सितंबर को किया जाएगा।
किस समय करना चाहिए श्राद्धकर्म
शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में सुबह और शाम के समय देवी-देवताओं की पूजा होती है। जबकि दोपहर का समय पितरों को समर्पित होता है। इसलिए पितरों का श्राद्ध दोपहर के समय करना ही उत्तम होता है। पितृपक्ष में आप किसी भी तिथि पर दोपहर 12 बजे के बाद श्राद्धकर्म कर सकते हैं। इसके लिए कुतुप और रौहिण मुहूर्त सबसे अच्छे माने जाते हैं। इस दौरान पितरों का तर्पण करें। गरीब ब्राह्मणों को भोज कराएं। उन्हें दान-दक्षिणा दें। श्राद्ध के दिन कौवे, चींटी, गाय, कुत्ते को भोग लगाएं।
कुतुप मूहूर्त - 11:51 से 12:40
रौहिण मूहूर्त - 12:40 से 13:29
अपराह्न काल - 13:29 से 15:56
पितृपक्ष की श्राद्ध तिथियां -
17 सितंबर 2024 (पूर्णिमा श्राद्ध )
18 सितंबर 2024 (प्रतिपदा श्राद्ध )
19 सितंबर 2024 (द्वितीया श्राद्ध)
20 सितंबर 2024 (तृतीया श्राद्ध )
21 सितंबर 2024 (चतुर्थी श्राद्ध)
21 सितंबर 2024 (महा भरणी)
22 सितंबर 2024 (पंचमी श्राद्ध)
23 सितंबर 2024 (षष्ठी श्राद्ध)
23 सितंबर 2024 (सप्तमी श्राद्ध)
24 सितंबर 2024 (अष्टमी श्राद्ध)
25 सितंबर 2024 (नवमी श्राद्ध)
26 सितंबर 2024 (दशमी श्राद्ध)
27 सितंबर 2024 (एकादशी का श्राद्ध)
29 सितंबर 2024 (द्वादशी श्राद्ध )
29 सितंबर 2024 (मघा श्राद्ध)
30 सितंबर 2024 (त्रयोदशी श्राद्ध )
1 अक्टूबर 2024 (चतुर्दशी श्राद्ध )
2 अक्टूबर 2024 (सर्वपितृ अमावस्या)
वहीं, जिन लोगों को अपने पितरों के मृत्यु तिथि नहीं पता है, सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध कर सकते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। हिमदर्शन डॉट कॉम (himdarshan.com) इसकी पुष्टि नहीं करता है।