शारदीय नवरात्र का शुभारंभ आज पूरे हिमाचल प्रदेश में श्रद्धा और उत्साह के साथ हुआ। राजधानी शिमला स्थित ऐतिहासिक कालीबाड़ी मंदिर में सुबह से ही भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। मां शैलपुत्री की आराधना के साथ नौ दिवसीय इस पावन पर्व की शुरुआत भक्तिमय माहौल में हुई, जहां लोगों ने प्रदेश की सुख-समृद्धि और आपदा से मुक्ति की प्रार्थना की।
शिमला: (HD News); आस्था, श्रद्धा और उत्साह का पर्व शारदीय नवरात्र आज से पूरे देशभर में आरंभ हो गया। हिमाचल प्रदेश में भी इस पावन अवसर पर सुबह से ही मंदिरों और शक्तिपीठों में भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलीं। राजधानी शिमला का प्रसिद्ध कालीबाड़ी मंदिर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से सराबोर रहा। माता रानी के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।
मां शैलपुत्री की हुई आराधना
नवरात्र के प्रथम दिन श्रद्धालुओं ने मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। भक्तों ने कहा कि इस पावन अवसर पर मां की भक्ति से जीवन में नई ऊर्जा, सकारात्मकता और संबल मिलता है।
मंदिर के पुजारी मुक्ति चक्रवर्ती ने बताया कि नवरात्र का पहला दिन मां शैलपुत्री की उपासना को समर्पित होता है। उन्होंने कहा - "माता रानी से हमारी प्रार्थना है कि प्रदेश को आपदा की छाया से मुक्ति मिले, हर व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहे।"

भक्तों ने मां से मांगी कृपा
कालीबाड़ी मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा से प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदाओं से राहत दिलाने और लोगों को शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। कई श्रद्धालुओं ने कहा कि बीते महीनों में आपदाओं के कारण प्रदेश ने काफी नुकसान झेला है, ऐसे में मां का आशीर्वाद ही सबसे बड़ा संबल है।
एक स्थानीय श्रद्धालु ने कहा— "नवरात्र का यह पर्व हमें विश्वास दिलाता है कि हर कठिनाई के बाद एक नई शुरुआत होती है। मां से प्रार्थना है कि हिमाचल के लोग सुरक्षित रहें और प्रदेश में खुशहाली लौटे।"
भक्तिमय रहा वातावरण
सुबह से ही मंदिर में पूजा-अर्चना का दौर चलता रहा। घंटियों की गूंज, भजनों और मंत्रों से पूरा वातावरण भक्तिमय बन गया। मंदिर प्रांगण में दूर-दराज से आए श्रद्धालु भी नजर आए, जिन्होंने माता के चरणों में फूल, नारियल और चुनरी अर्पित की।
मंदिर प्रशासन ने भी भक्तों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए। भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और सफाई व्यवस्था पर खास ध्यान दिया गया।
नौ दिनों तक होंगे विशेष आयोजन
पुजारी मुक्ति चक्रवर्ती ने बताया कि नवरात्र के नौ दिनों तक प्रतिदिन मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाएगी। प्रत्येक दिन सुबह और शाम विशेष आरती व भजन संध्या का आयोजन होगा। श्रद्धालु बड़ी संख्या में इसमें शामिल होंगे और मां की कृपा प्राप्त करेंगे।
आस्था और उम्मीद का पर्व
शारदीय नवरात्र न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। प्रदेश में आपदा के हालातों के बीच नवरात्र का शुभारंभ लोगों के लिए उम्मीद और विश्वास लेकर आया है। भक्तों का कहना है कि मां दुर्गा की साधना से कठिनाइयों पर विजय पाने की शक्ति मिलती है।
शारदीय नवरात्र केवल आस्था का पर्व नहीं, बल्कि विश्वास, संबल और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। आपदा की मार झेल रहे हिमाचल में यह पर्व लोगों के लिए नई उम्मीद और शक्ति लेकर आया है। भक्तों का विश्वास है कि मां दुर्गा की कृपा से प्रदेश पर छाए संकट के बादल दूर होंगे और शांति, समृद्धि और खुशहाली का नया सवेरा होगा।