मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना का पर्व नवरात्रि आज से शुरू हुआ है। देवी मंदिरों में सुबह से मां के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। शिमला कालीबाड़ी मन्दिर में भक्त मां की एक झलक पाने के लिए सुबह से कतार में खड़े हैं। पढ़ें पूरी खबर..
प्रथम नवरात्र में माँ काली के शुभ श्रृंगार दर्शन
शिमलाः (Om Prakash Thakur); चैत्र नवरात्रि 2024 आज से शुरू हो गए हैं। शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में भी पहले नवरात्र को श्रद्धालुओं का तांता देखने को मिला। सुबह से ही मंदिर में माता के दर्शन के लिए लोग पहुंच रहे हैं। पहले दिन मां के शैल पुत्री रुप की पुजा अर्चना होती है। मान्यता है कि नौ दिन मां के नौ रूपों की पुजा अर्चना करने से भक्तों की मन की मुराद पूरी होती है और घर परिवार में सुख शांति आती है।
कालीबाड़ी मंदिर के पुजारी ने बताया कि चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन माता शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जा रही है। उन्होंने आज की युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि जिस तरह अन्य त्योहारों को मनाया जाता है उसी तरह नवरात्रों में मां की पूजा अर्चना करनी चाहिए। सभी इन नवरात्रों में अपने प्रदेश देश की उन्नति व शांति के लिए प्रार्थना जरूर करें।
सूर्य के उतरायण के समय जो नवरात्र होते हैं उन्हें चैत्र नवरात्र कहा जाता है। नौ दिन माता रानी के अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है मां भक्तों की आराधना से प्रसन्न होकर मनचाहा वरदान देती है।
चैत्र नवरात्र 9 से 17 अप्रैल तक
प्रतिपदा (मां शैलपुत्री): 9 अप्रैल 2024,
द्वितीया (मां ब्रह्मचारिणी): 10 अप्रैल 2024,
तृतीया (मां चंद्रघंटा): 11 अप्रैल 2024,
चतुर्थी (मां कुष्मांडा): 12 अप्रैल 2024,
पंचमी (मां स्कंदमाता): 13 अप्रैल 2024,
षष्ठी (मां कात्यायनी): 14 अप्रैल 2024,
सप्तमी (मां कालरात्रि): 15 अप्रैल 2024,
अष्टमी (मां महागौरी): 16 अप्रैल 2024,
नवमी (मां सिद्धिदात्री): 17 अप्रैल 2024.
नवरात्रों का समापन 17 अप्रैल को होगा। हिंदू नववर्ष की शुरूआत और विक्रम संवत की शुरूआत भी मंगल से ही हो रही है। इसलिए संवत के स्वामी मंगल ही रहेंगे। मंगल की वजह से हिंदू वर्ष काफी अग्रेसिव रहेगा। क्योंकि मंगल साहस, पराक्रम, सेना, प्रशासन, सिद्धांत आदि का कारक ग्रह है। राजा मंगल और मंत्री शनि होने के कारण वर्ष उथल-पुथल भरा रहेगा।