करवा चौथ हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण पर्व है। इसे अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष 2025 का करवा चौथ विशेष रूप से शुभ माना जा रहा है, क्योंकि इस दिन सिद्धि योग और शिवावास योग बन रहे हैं। महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन में खुशहाली की कामना करती हैं। पढ़ें पूरी खबर..
शिमला: (HD News); करवा चौथ हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण पर्व है। इसे अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं और संपूर्ण दिन अपने पति की लंबी आयु और दांपत्य जीवन में खुशहाली की कामना करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है।

इस वर्ष 2025 में करवा चौथ विशेष शुभ माना जा रहा है। पंचांग के अनुसार इस दिन सिद्धि योग और शिवावास योग जैसे मंगलकारी योग बन रहे हैं, जो व्रत के फल को कई गुना बढ़ाने वाले माने जाते हैं। ऐसे शुभ योग महिलाओं के लिए अपने पति के प्रति स्नेह और विश्वास को और मजबूत करने का अवसर लेकर आते हैं।
करवा चौथ व्रत और पूजा का शुभ समय
पूजा शुभ मुहूर्त: शाम 05:57 बजे से 07:11 बजे तक (कुल अवधि: 1 घंटा 14 मिनट)
व्रत समय: सुबह 06:19 बजे से शाम 08:13 बजे तक (कुल अवधि: 13 घंटे 54 मिनट)
चंद्रोदय का समय: शाम 08:10 बजे (शहर अनुसार समय में थोड़ा अंतर हो सकता है)
करवा चौथ सरगी
ब्राह्म मुहूर्त: सुबह 04:35 बजे से 05:23 बजे तक
महत्वपूर्ण दिशा: वास्तु शास्त्र के अनुसार, सरगी खाते समय पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर मुख करना शुभ होता है। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और व्रत का फल दोगुना होता है।

करवा चौथ पूजा विधि
करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के बीच प्यार, स्नेह और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। पूजा में महिलाएं देवी पार्वती के स्वरूप चौथ माता, भगवान शिव, भगवान कार्तिकेय और श्री गणेश की स्थापना करती हैं।
लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं।
लोटे में जल भरकर उसके ऊपर श्रीफल, कलावा, मिट्टी या तांबे का करवा और ढक्कन में शक्कर व दक्षिणा रखें।
धूप, दीप, अक्षत और पुष्प अर्पित करके भगवान की आराधना करें।
पूजा के उपरांत व्रत कथा का पाठ करें।
रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित कर व्रत समाप्त करें।
पूजन सामग्री
लकड़ी का आसान
देसी घी
पान, सींक
कलश, हल्दी, रोली, मौली
मिठाई, छन्नी
लोटे में भरने के लिए चावल
दान की सामग्री, अक्षत, चंदन, फल, पीली मिट्टी, फूल
मिट्टी या तांबे का करवा और ढक्कन

करवा चौथ की शुरुआत कैसे हुई?
करवा चौथ की परंपरा देवताओं के समय से चली आ रही है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार देवताओं और दानवों के बीच युद्ध हुआ और देवताओं की हार होने लगी। भयभीत देवता ब्रह्मदेव के पास गए और उनसे रक्षा की प्रार्थना की।
ब्रह्मदेव ने कहा कि इस संकट से बचने के लिए सभी देवताओं की पत्नियों को अपने-अपने पतियों के लिए व्रत रखना चाहिए और सच्चे मन से उनकी विजय की कामना करनी चाहिए। उन्होंने वचन दिया कि ऐसा करने पर देवताओं की जीत निश्चित होगी। इस सुझाव को सभी ने स्वीकार कर लिया।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक माह की चतुर्थी के दिन सभी देवताओं की पत्नियों ने व्रत रखा और अपने पतियों की विजय के लिए प्रार्थना की। उनकी प्रार्थना सफल हुई और युद्ध में देवताओं की जीत हुई।
इस खुशखबरी के बाद सभी देव पत्नियों ने अपना व्रत खोलकर भोजन किया। उस समय आकाश में चंद्रमा भी प्रकट हुआ। यही से मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत और परंपरा इसी दिन से शुरू हुई।

राशि अनुसार करवा चौथ पर दान
मेष राशि – लाल वस्त्र या लाल रुमाल का दान करें। इससे मंगल ग्रह मजबूत होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
वृषभ राशि – गुलाबी चूड़ियों का दान करें। यह शुक्र ग्रह को प्रसन्न करता है और वैवाहिक जीवन में प्रेम एवं सौहार्द लाता है।
मिथुन राशि – मेहंदी का दान करना शुभ रहता है। यह दान रिश्तों में मिठास और स्थायित्व बढ़ाता है।
कर्क राशि – मंदिर में सिंदूर का दान करें। इससे वैवाहिक जीवन में स्थिरता और शांति बनी रहती है।
सिंह राशि – पायल का दान करना चाहिए। यह सूर्य ग्रह की कृपा दिलाता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है।
कन्या राशि – फूलों का दान करें। इससे बुध ग्रह की कृपा मिलती है और मन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
तुला राशि – आलता का दान शुभ रहता है। यह शुक्र ग्रह को संतुलित रखता है और जीवन में सौंदर्य एवं आकर्षण बढ़ाता है।
वृश्चिक राशि – लाल चुनरी का दान करें। यह शक्ति और सौभाग्य में वृद्धि करता है।
धनु राशि – पीली साड़ी का दान करना चाहिए। यह बृहस्पति ग्रह को प्रसन्न करता है और जीवन में सुख-संपन्नता लाता है।
मकर राशि – काजल का दान करें। यह शनि ग्रह को संतुष्ट करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
कुंभ राशि – वस्त्र दान करें। यह दान सामाजिक सम्मान और मानसिक शांति प्रदान करता है।
मीन राशि – मेकअप सामग्री का दान शुभ माना गया है। इससे आकर्षण और सौभाग्य दोनों बढ़ते हैं।
इस वर्ष करवा चौथ के शुभ योगों के कारण व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है। यह दिन महिलाओं के लिए अपने पति के साथ प्रेम, विश्वास और पारिवारिक सुख-समृद्धि को बढ़ाने का विशेष अवसर लेकर आया है। करवा चौथ केवल एक उपवास नहीं है, बल्कि यह दांपत्य जीवन में प्यार, स्नेह और समर्पण का प्रतीक भी है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और धार्मिक परंपराओं के संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है। करवा चौथ के व्रत, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, राशि अनुसार दान और अन्य जानकारी व्यक्तिगत मान्यताओं और पारंपरिक विश्वासों पर आधारित हैं। पाठक अपनी सुविधा, स्वास्थ्य और व्यक्तिगत विश्वास के अनुसार व्रत और पूजा का पालन करें। किसी भी प्रकार के धार्मिक या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ या ज्योतिष से परामर्श लेना उचित रहेगा।