नई दिल्ली, 11 अगस्त 2025: देशभर में आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सख्त रुख अपनाते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने आदेश दिया कि संवेदनशील इलाकों में मौजूद सभी आवारा कुत्तों को तुरंत हटाया जाए, चाहे वे नसबंदीशुदा हों या नहीं। आदेश में स्पष्ट कहा गया कि सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है और इसमें कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
“तुरंत कार्रवाई करें, देरी बर्दाश्त नहीं” – सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बच्चों, बुजुर्गों और आम नागरिकों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। आदेश के मुताबिक, स्थानीय प्रशासन को बिना समय गंवाए कुत्तों को सड़कों से हटाना होगा। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि कार्रवाई संवेदनशील इलाकों से शुरू होकर पूरे क्षेत्र में लागू की जाए।
देशभर में लागू हो तो बड़ा बदलाव संभव
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह फैसला सिर्फ संवेदनशील इलाकों तक सीमित न रहकर पूरे देश में लागू किया जाए, तो आवारा कुत्तों से होने वाली दुर्घटनाओं, हमलों और संक्रमणों पर बड़ा अंकुश लगेगा। इससे आमजन को लंबे समय से चल रही परेशानी से राहत मिल सकती है।
क्यों लिया गया यह सख्त फैसला ?
पिछले कुछ महीनों में देशभर से आवारा कुत्तों के हमलों की कई घटनाएं सामने आईं, जिनमें कई बच्चों और बुजुर्गों की जान तक चली गई। इस पृष्ठभूमि में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा को प्राथमिकता देना प्रशासन का कर्तव्य है।
जनता की प्रतिक्रिया
फैसले के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे “जनहित में ऐतिहासिक कदम” बताया। कई नागरिकों ने उम्मीद जताई कि अगर राज्य सरकारें इस आदेश को तेजी से लागू करें, तो जल्द ही गलियों और सड़कों से आवारा कुत्तों का खतरा खत्म हो जाएगा।
यदि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का अमल देशभर के सभी राज्यों में सख्ती से किया जाए, तो आमजन को आवारा कुत्तों के आतंक और भय से पूरी तरह निज़ात मिल सकती है। संवेदनशील इलाकों में चाहे कुत्ते नसबंदीशुदा हों या नहीं, सभी को तत्काल सड़कों से हटाने का निर्देश न केवल जनसुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि लोगों के जीवन को अधिक सुरक्षित और सहज बनाएगा।
जानिए कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें...