कुंहर पंचयात के खेड़ी के जंगल में मंगलवार शाम को जंगल में अचानक आग धधक उठी। पहले तो आग कम थी, लेकिन हवा तेज चलने से आग भड़कती चली गई। आग से कई छोटे-बड़े पेड़ जलकर राख हो गए। वहीं देर रात तक पूरा जंगल आग से धधकता रहा। जिससे बेशकीमती वन संपदा खाक हो रही है। आग लगने के कारणों का देर रात तक पता नहीं चल पाया। देखें पूरी ख़बर..
सोलन: (HD News); गर्मियों का मौसम शुरू होते ही जंगलों में आग लगने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। वन की सुरक्षा की जिम्मेदारी वन विभाग पर होती है। इसके चलते आग से वनों की सुरक्षा के लिए वन विभाग द्वारा फायर वाचर की नियुक्ति की जाती है। साथ ही जंगलों को आग से बचाने के लिए अन्य प्रयास भी किये जाते हैं, लेकिन इसके बाद भी हर वर्ष यह समस्या बनी रहती है और आग लगने के कारण जंगलों को काफी नुकसान पहुंचता है।
आग से जहां लाखों करोड़ों की वनसम्पदा जलकर राख हो जाती है वहीं बेगुनाह जीव जंतु भी आग की भेंट चढ़ जाते हैं। पहाड़ी जंगलों को आग से बचाने और पहाड़ियों पर आग लगने की स्थिति में निगरानी रखने के लिए वन विभाग द्वारा फायर वाचर की नियुक्ति की जाती है। इसके अलावा वन कर्मचारी भी निगरानी करते हैं। लेकिन इसके बाद भी वन विभाग की लेटलतीफी व लोगों में जागरूकता का अभाव जंगलो को आग से बचाने के मार्ग में बाधक बना हुआ है।
सोलन जिला के अर्की उपमंडल की कुंहर पंचायत की पहाड़ी का जंगल आग से धू धू कर जल रहा है। आग लगने का कारण पता नही लग पाया है। इतना स्पष्ट है कि जब तक इस आग पर काबू पाया जाएगा तब तक नुकसान काफी हो जाएगा। ऐसे में आगजनी की घटनाओं को काबू पाने और लोगों को जागरूक करने के सरकार के प्रयासों के अभाव में प्रकृति को जो नुकसान हो रहा है। उसका परिणाम मानव जाति भुगत ही रही है।
बता दें कि जंगलों में लगी आग जहां एक तरफ वायुमंडल के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रही है, तो वही इंसानों के स्वास्थ्य के लिए इसका धुआं बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। डॉक्टरों का कहना कि जंगलों की आग से निकलने वाले धुएं से सांस की खतरनाक बीमारी, कैंसर समेत कई घातक बीमारियां हो सकती हैं। बुजुर्गों के लिए जंगलों का धुआं बेहद खतरनाक है, लिहाजा इससे बचाव किया जाना चाहिए।