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पंचांग

शुक्रवार का पंचांग: 27 सितंबर 2024; जानिए आज का शुभ मुहूर्त व शुभ योग का समय..

September 27, 2024 08:08 AM

हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-

1:- तिथि (Tithi)2:- वार (Day)

3:- नक्षत्र (Nakshatra)

4:- योग (Yog)

5:- करण (Karan)

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी नित्य पंचांग का श्रवण करते थे ।

जानिए, शुक्रवार का पंचांग

* शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।

* वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।

* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।

* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।

* करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।

इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

महालक्ष्मी मन्त्र : ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥ ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥

दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।

शुक्रवार के दिन नियम पूर्वक धन लाभ के लिए लक्ष्मी माँ को अत्यंत प्रिय “श्री सूक्त”, “महालक्ष्मी अष्टकम” एवं समस्त संकटो को दूर करने के लिए “माँ दुर्गा के 32 चमत्कारी नमो का पाठ” अवश्य ही करें ।

शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को हलवे या खीर का भोग लगाना चाहिए । शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।

विक्रम संवत् 2081,

* शक संवत – 1945,

*कलि संवत – 5124

* अयन – दक्षिणायन,

* ऋतु – वर्षा ऋतु,

* मास – अश्विन माह

* पक्ष – कृष्ण पक्ष

*चंद्र बल – वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, मकर, कुम्भ,

सूर्योदय का समय:  27 सितंबर 2024 : सुबह 6 बजकर 12 मिनट पर।

सूर्यास्त का समय:  27 सितंबर 2024 : शाम में 6 बजकर 11 मिनट पर।

नक्षत्र ( Nakshatra ) : पुष्य नक्षत्र 1.20 AM, 28 सितम्बर तक,

नक्षत्र के स्वामी :– पुष्य नक्षत्र के देवता देव गुरु बृहस्पति और स्वामी शनि देव जी है ।

पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रो का राजा भी कहते है, उसमें भी रवि पुष्य नक्षत्र एवं गुरु पुष्य नक्षत्र बहुत ही शुभ माने जाते है। इस अवसर पर किया गया शुभ कार्य अति लाभ दायक और चिरस्थाई होता है।

पुष्य नक्षत्र का नक्षत्र आराध्य वृक्ष: पीपलं तथा नक्षत्र का स्वाभाव शुभ माना जाता है।

शास्त्रों में लिखा है कि पुष्य नक्षत्र में शुरू किये गए सभी कार्य पुष्टिदायक, सर्वथा सिद्ध होते ही हैं, निश्चय ही फलीभूत होते हैं ।

पुष्य नक्षत्र माँ लक्ष्मी जी को अत्यंत प्रिय है । पुष्य नक्षत्र के दिन माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री सूक्त, श्री महा लक्ष्मी अष्टकम का पाठ करना अत्यंत पुण्य दायक माना जाता है।

पुष्य नक्षत्र में जन्मे जातक सुन्दर, शांत, महत्वाकांक्षी, साहसी, सुखी, भोगी, लोकप्रिय, बुद्धिमान, परोपकारी, कड़ी मेहनत करने वाले तथा पुत्र मित्रादि से युक्त होता है।

लेकिन पुष्य नक्षत्र के लोग स्वार्थी, अत्यधिक बोलने वाले, जिद्दी, घमंडी, कट्टरपंथी और अत्यधिक संवेदनशील भी होते हैं।

पुष्य नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 8 और 2, भाग्यशाली रंग लाल, नीला, भाग्यशाली दिन शनिवार, सोमवार और बुधवार होता है ।

पुष्य नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ बृहस्पतये नम: “। मन्त्र का जाप अवश्य करना चाहिए ।

गुलिक काल : – शुक्रवार को शुभ गुलिक प्रात: 7:30 से 9:00 तक ।

दिशाशूल (Dishashool)- शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है ।

आज का शुभ मुहूर्त 27 सितंबर 2024 :

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 36 मिनट से 5 बजकर 24 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से 3 बजे तक रहेगा। निशिथ काल मध्‍यरात्रि रात में 11 बजकर 48 मिनट से से 12 बजकर 36 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 6 बजकर 11 मिनट से 6 बजकर 35 मिनट तक। अमृत काल सुबह 7 बजकर 42 मिनट से 9 बजकर 12 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 27 सितंबर 2024 :

राहुकाल सुबह में 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। वहीं, सुबह में 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक गुलिक काल रहेगा। दोपहर में 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह 8 बजकर 36 मिनट से 9 बजकर 24 मिनट तक। इसके बाद दोपहर में 12 बजकर 36 मिनट से 1 बजकर 24 मिनट तक।

आज का उपाय : आज छोटी कन्याओं को फल दें और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।

“हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

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