Bhai Dooj 2023: हिंदू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पांच दिवसीय दिवाली पर्व की शुरुआत भले ही धनतेरस के दिन से होती है लेकिन इसका समापन भाई दूज पर होता है. बता दें कि गोवर्धन के अगले दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. भाई दूज पर शुभ मुहूर्त में भाई के तिलक करते समय इन बातों का खास ख्याल रखा बेहद जरूरी है.
Bhai Dooj Tilak Shubh Muhurat 2023: हिंदू शास्त्रों में हर त्योहार का अपना महत्व बताया गया है. बता दें पांच दिवसीय दिवाली पर्व का समापन भाई दूज से होता है. भाई दूज के दिन बहनें भाईयों के माथे पर तिलक कर उसकी लंबी आयु की कामना करती हैं. भाई दूज का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस बार ये त्योहार 15 नवंबर के दिन पड़ रहा है. इस दिन बहनें भाई की लंबी उम्र और सफल जीवन के लिए व्रत रखती हैं. हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार के लिए कुछ नियम बताए गए हैं. अगर इन नियमों का पालन किया जाए, तो व्यक्ति को हर कार्य में शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भाई दूज पर भाईयों की लंबी उम्र, तरक्की और जीवन में हर कार्य में सफलता के लिए बहने कामना करती हैं. ऐसे में ज्योतिष अनुसार अगर तिलक करते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो ये भाई के तरक्की के रास्ते खोलतें हैं. इस बार तिथि के समय में उतार-चढ़ाव के कारण भाई दूज का पर्व दिवाली के छठे दिन मनाया जा रहा है.
जानें भाई को शुभ मुहूर्त में तिलक करने का सही समय और कुछ नियम.
शास्त्रों में कहा गया है कि अगर किसी कार्य को शुभ मुहूर्त में किया जाए, तो व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. ऐसे ही अगर आप भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए उन्हें तिलक कर रही हैं, तो शुभ मुहूर्त में ही करें. भाई दूज के दो आज सबसे शुभ मुहूर्त माने जा रहे हैं. पहला शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 44 मिनट से सुबह 9 बजकर 24 मिनट तक है. जबकि दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 40 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजे तक है. इसके बाद राहुकाल शुरू हो जाएगा.
बहनें थाली में जरूर रखें ये सामान
भाई दूज पर भाई की आरती उतारते वक्त बहन की थाली में सिंदूर, फूल, चावल के दाने, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूल माला, मिठाई, कलावा, दूब घास और केला जरूर होना चाहिए. इन सभी चीजों के बिना भाई दूज का त्योहार अधूरा माना जाता है.
भाई दूज पूजन विधि:.भाई दूज के मौके पर बहनें, भाई के तिलक और आरती के लिए थाल सजाती है. इसमें कुमकुम, सिंदूर, चंदन, फल, फूल, मिठाई और सुपारी आदि सामग्री होनी चाहिए. तिलक करने से पहले चावल के मिश्रण से एक चौक बनाएं. चावल के इस चौक पर भाई को बिठाया जाए और शुभ मुहूर्त में बहनें उनका तिलक करें. तिलक करने के बाद फूल, पान, सुपारी, बताशे और काले चने भाई को दें और उनकी आरती उतारें. तिलक और आरती के बाद भाई अपनी बहनों को उपहार भेंट करें और सदैव उनकी रक्षा का वचन दें.
भाई दूज पर रखें इन बातों का ध्यान
- शास्त्रों के अनुसार आज के दिन बहनें भाई की लंबी उम्र और सफल जीवन की कामना करते हुए व्रत रखती हैं. ऐसे में भाई को तिलक लगाने के बाद ही कुछ ग्रहण करें. आप चाहें तो इस दिन निर्जला व्रत भी रख सकती हैं.
- रक्षाबंधन की तरह भाई दूज भी भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का ही त्योहार है. ऐसे में रिश्ते की पवित्रता को बनाए रखते हुए आज के दिन भाई-बहन एक-दूसरे से झूठ न बोलें. इतना ही नहीं, इस दिन न तो मांस का सेवन करें और न ही शराब का. अगर कोई ऐसा करता है, तो उस व्यक्ति को यम के प्रकोप का सामना करना पड़ता है.
- बता दें कि भाई दूज पर कपड़ों का चयन करते सम रंगों का खास ख्याल रखना चाहिए. इस बात का खास ख्याल रखे कि भाई-बहन दोनों के कपड़े काले रंग के हीं हो. आप आज के दिन लाल या पीले रंग के कपड़े पहन सकते हैं. इस रंग को अच्छा शगुन माना गया है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Himdarshan.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.)