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पंचांग

आज शनिवार का पंचांग, 26 अक्तूबर 2024; जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय..

October 26, 2024 06:18 AM

हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं..

1:- तिथि (Tithi)

2:- वार (Day)

3:- नक्षत्र (Nakshatra)

4:- योग (Yog)

5:- करण (Karan)

पंचांग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे।

जानिए शनिवार का पंचांग

* शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है।

 * वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।

* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।

* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।

* करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।

शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र – ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

।। आज का दिन मंगलमय हो ।।

दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से आयु का नाश होता है । अत: शनिवार को बाल और दाढ़ी दोनों को ही नहीं कटवाना चाहिए।

शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है ।

शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की àएक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है ।

शिवपुराण के अनुसार शनि देव पिप्लाद ऋषि का स्मरण करने वाले, उनके भक्तो को कभी भी पीड़ा नहीं देते है इसलिए जिन के ऊपर शनि की दशा चल रही हो उन्हें अवश्य ही ना केवल शनिवार को वरन नित्य पिप्लाद ऋषि का स्मरण करना चाहिए।

शनिवार के दिन पिप्पलाद श्लोक का या पिप्पलाद ऋषि जी के केवल इन तीन नामों (पिप्पलाद, गाधि, कौशिक) को जपने से शनि देव की कृपा मिलती है, शनि की पीड़ा निश्चय ही शान्त हो जाती है।

राष्ट्रीय मिति कार्तिक 04, शक संवत 1946, कार्तिक कृष्ण दशमी, शनिवार, विक्रम संवत 2081। सौर कार्तिक मास प्रविष्टे 10, रबि-उल्सानी-22, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 26 अक्टूबर सन् 2024 ई। सूर्य दक्षिणायन, दक्षिण गोल, हेमन्त ऋतु। राहुकाल प्रातः 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक। दशमी तिथि अगले दिन सुबह 05 बजकर 24 मिनट तक उपरांत एकादशी तिथि का आरंभ।

आश्लेषा नक्षत्र प्रातः 09 बजकर 46 मिनट तक उपरांत मघा नक्षत्र का आरंभ। शुक्ल योग अगले दिन सुबह 05 बजकर 57 मिनट तक उपरांत ब्रह्म योग का आरंभ। वणिज करण सायं 04 बजकर 24 मिनट तक उपरांत बव करण का आरंभ। चन्द्रमा प्रातः 09 बजकर 46 मिनट तक कर्क उपरांत सिंह राशि पर संचार करेगा।

सूर्योदय का समय 26 अक्टूबर 2024 : सुबह 6 बजकर 29 मिनट पर।

सूर्यास्त का समय 26 अक्टूबर 2024 : शाम में 5 बजकर 41 मिनट पर।

आज का शुभ मुहूर्त 26 अक्टूबर 2024 :

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 47 मिनट से 5 बजकर 38 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से 2 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्‍यरात्रि रात में 11 बजकर 40 मिनट से से 12 बजकर 31 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 5 बजकर 41 मिनट से 6 बजकर 6 मिनट तक। अमृत काल सुबह 7 बजकर 53 मिनट से 9 बजकर 17 मिनट तक।आज का अशुभ मुहूर्त 26 अक्टूबर 2024 :

राहुकाल सुबह में 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक। वहीं, सुबह में 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। इसके बाद दोपहर में 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह में 6 बजकर 29 मिनट से 7 बजकर 14 मिनट तक। भद्राकाल का समय शाम में 4 बजकर 19 मिनट से अगले दिन सुबह 5 बजकर 23 मिनट तक।

आज का उपाय : आज शनिदेव को तिल और तेल का दीपक अर्पित करें।।

Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी। 

 

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