हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कोटखाई में 2017 में हुए बहुचर्चित दुष्कर्म व हत्याकांड मामले में गिरफ्तार सूरज की पुलिस हिरासत में हत्या के मामले में आईजी जहूर हैदर जैदी सहित आठ पुलिसकर्मियों को चंडीगढ़ सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चंडीगढ़ सीबीआई कोर्ट में मुकदमा चल रहा था। इस मामले में सजा पर फैसला 27 जनवरी को होगा।
वहींं दोषी करार देने के बाद पुलिस ने आईजी जहूद हैदर जैदी, डीएसपी मनोज जोशी, एसएचओ राजेंद्र सिंह, एएसआई दीप चंद, एचएचसी सूरत सिंह, मोहन लाल, हेड कांस्टेबल रफीक और कांस्टेबल रंजीत स्ट्रेटा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। जबकि गवाहों के बयान व सुबूतों के अभाव में नामजद तत्कालीन एसपी डीडब्ल्यू नेगी को बरी कर दिया गया है।
बता दें, आरोपी सूरज की गुड़िया हत्याकांड के 14 दिन बाद कोटखाई थाने के लॉकअप में हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने हत्या का आरोप दूसरे मुलजिम पर लगाया था। इस पर गुस्साए लोगों ने थाने समेत कई गाड़ियां फूंक दी थीं।
जानिए मामले में कब क्या हुआ...
शिमला जिले के कोटखाई में 4 जुलाई, 2017 को एक छात्रा स्कूल से लौटते वक्त लापता हो गई थी। 6 जुलाई को कोटखाई के तांदी के जंगल में छात्रा का शव निर्वस्त्र हालत में मिला। पुलिस ने जांच में पाया कि छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या की गई थी। इस मामले की जांच के लिए शिमला के तत्कालीन आईजी जैदी की अध्यक्षता में विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई। एसआईटी ने इस मामले में एक स्थानीय युवक सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक नेपाली युवक सूरज की कोटखाई थाने में पुलिस हिरासत के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई ने दो मामले दर्ज किए थे, जिसमें से एक पुलिस हिरासत में माैत का मामला था। जांच में सीबीआई ने पाया कि आरोपी सूरज की मौत पूछताछ के दौरान पुलिस प्रताड़ना से हुई थी।
मामले में कब क्या हुआ
6 जुलाई 2017 : कोटखाई के जंगल में गुड़िया का मिला शव
7 जुलाई : पोस्टमार्टम रिपोर्ट से दुष्कर्म का खुलासा
10 जुलाई : सरकार ने एसआईटी की गठित
11 जुलाई : पीड़ित परिवार को पांच लाख मुआवजा
12 जुलाई: सीएम के फेसबुक पेज पर कुछ को आरोपी बता फोटो की वायरल
13 जुलाई : एसआईटी ने 6 लोग गिरफ्तार किए
14 जुलाई : थाने पर पथराव, सीबीआई जांच की संस्तुति
17 जुलाई : राजभवन पहुंची भाजपा ने सरकार की बर्खास्तगी की मांग उठाई
18 जुलाई : सरकार का हाईकोर्ट में सीबीआई जांच शुरू करने के लिए आवेदन
19 जुलाई : कोटखाई थाने में एक आरोपी की पुलिस हिरासत में हत्या
23 जुलाई : सीबीआई ने दर्ज किए दो मामले
24 जुलाई : सीबीआई पहुंची शिमला, जांच शुरू
02 अगस्त: हाईकोर्ट में पुलिस ने सौंपी स्टेटस रिपोर्ट
03 अगस्त : कस्टडी में मौत पर पुलिस अफसरों से पूछताछ
14 अगस्त : कोटखाई थाने में तैनात संतरी के बयान
17 अगस्त : सीबीआई को हाईकोर्ट की फटकार, मांगा दो सप्ताह का समय
21 अगस्त : कई के घरों पर सीबीआई के छापे
31 अगस्त : सीबीआई ने आईजी समेत आठ पुलिस वाले गिरफ्तार किए
25 नवंबर: गिरफ्तार पुलिस अफसरों के खिलाफ चार्जशीट
19 जनवरी 2018 को आईजी जैदी ने चार्जशीट दाखिल होने का हवाला देते हुए प्रदेश हाईकोर्ट में जमानत की याचिका दायर की लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया।
इसके बाद 23 मार्च 2018 को वह सुप्रीम कोर्ट चले गए।
29 मार्च 2018: हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश कर
25 अप्रैल तक मामला सुलझाने का दावा
अप्रैल 2018: सीबीआई ने चिरानी अनिल उर्फ नीलू को गिरफ्तार किया
28 अप्रैल 2021: शिमला की विशेष अदालत ने आरोपी नीलू को दोषी करार दिया
15 जून 2021: अनिल उर्फ नीलू की सजा पर दोनों पक्षों के बीच सजा पर बहस की प्रक्रिया पूरी हुई
18 जून 2021 : अदालत ने दोषी करार दिए नीलू को आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई
6 अप्रैल 2019 को जैदी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत देने का फैसला सुनाया था।