खाने-पीने की चीजों पर थूकने वाली कुत्सित मानसिकता धीरे-धीरे राष्ट्रव्यापी समस्या होती जा रही है। पिछले कुछ दिनों मे दिल्ली-ncr के साथ पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिले ऐसी करतूतो के गवाह बने थे। अब वहीं हरकत देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश मे दोहराई गई है। यहाँ खुद को विशेष सुमदाय का बता रहे एक फल विक्रेता पर अपने सामान पर थूक कर बेचे जाने का आरोप लगा है। इस दौरान उसकी एक महिला से बहस भी होती है। घटना बुधवार (9 अप्रैल 2025) की है। पढ़ें पूरी खबर..
शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश के शिमला में एक रेहड़ी फहड़ी वाले पर चने में थूक लगाकर बेचने के आरोप लगे हैं। अब इस मामले पर बुधवार को हंगामा हुआ है। यहां पर भाजपा महिला मोर्चा की नेता ने रेहड़ी के सामने जाकर विरोध जताया है। साथ ही देवभूमि संघर्ष समिति ने विरोध जताया और चेतावनी दी है।
दरअसल शिमला के काली बाड़ी मंदिर के रास्ते में ग्रेंड होटल के पास की यह गटना है। यहां पर विशेष सुमदाय का शख्स चने बेचने वाले एक रेहड़ी लगाता है। आरोप है कि रेहड़ी विक्रता चनों पर थूक कर बेचता है। यह दावा देवभूमि संघर्ष समिति ने किया है।

देव भूमि संघर्ष की महिला कल्पना और श्वेता ने कहा कि समिति ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो 500 हिंदू शिमला में रेहड़ी लगाएंगे। देवभूमि संघर्ष समिति का कहना है कि सनातन धर्म के लोगों को नगर निगम सब्जियाँ बेचने की अनुमति नहीं देता, लेकिन इन लोगों के प्रति इतना लगाव क्यों है? कुछ दिन पहले संजौली में एक रेहड़ी वाले को उठाने का वीडियो वायरल हुआ था। अब देवभूमि संघर्ष समिति ने एक और व्यक्ति को उठाया है।

इस दौरान महिला कल्पना ने विरोध के दौरान फेसबुक पर लाइव भी किया। उन्होंने कहा कि हिंदू विक्रेताओं और सिरमौरी भाइयों को नगर निगम मौके से तुरंत हटा देते हैं। कल्पना ने कहा कि पुलिस कह रही है कि ये रेहड़ी फहड़ी वाला किसी की नहीं सुनता है। वहीं, नगर निगम भी कुछ नहीं कर रहा है।
संजौली मस्जिद के बाद हुई थी स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी की बात
गौरतलब है कि शिमला के संजौली में मस्जिद विवाद के बाद स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी लाने के लिए सरकार ने कहा कि था। लेकिन छह माह बीत जाने के बाद अब तक कोई पॉलिसी शिमला में नहीं बनी है। देव भूमि संघर्ष ने कहा कि 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है, लेकिन अब तक 5 दिन बाद तक कोई फैसला नहीं हुआ है। संजौली मस्जिद के बाद से शिमला में स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी को लेकर मांग उठी थी और सरकार ने भी कहा था कि पॉलिसी बनाई जाएगी।

